ग्वालियर। मध्यप्रदेश में कांग्रेस को सत्ता पर काबिज कराने में ग्वालियर जिले के पांचों विधायकों की भी बड़ी भूमिका है। इसलिए सभी विधायक मंत्री बनने की जुगाड़ में जुट गए हैं। अब सवाल ये है कि ग्वालियर से कितने मंत्री होंगे। कमलनाथ मंत्रिमंडल 17 को शपथ लेगा लेकिन इसमें कितने और कौन कौन मंत्री शामिल किये जायेंगे ये सबसे बड़ा सवाल है। माना जा रहा है कि कमलनाथ के मंत्रिमंडल में सभी गुटों के विधायक शामिल होंगे। लेकिन चर्चा ये भी है कि जिस तरह से ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बड़ा दिल दिखाकर खुद को सीएम की दौड़ से पीछे किया उसी तरह कमलनाथ भी बड़ा दिल दिखाकर ग्वालियर से अधिक मंत्रियों को शामिल करेंगे।
सिंधिया के प्रभाव के चलते कांग्रेस ने ग्वालियर में इस बार कांग्रेस ने पांच सीटों पर जीत दर्ज की । जबकि पिछली बार ग्वालियर से कांग्रेस केवल दो ही सीट जीत पाई थी। प्रदर्शन की बात करें तो ग्वालियर विधानसभा से चुनाव लड़े पूर्व विधायक प्रद्युम्न सिंह तोमर ने इस बार प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री एवं भाजपा के कद्दावर नेता जयभान सिंह पवैया को 21 हजार से अधिक वोटों से करारी शिकस्त दी जबकि पिछला चुनाव वे पवैया से 15 हजार के आसपास वोटों से हारे थे,इसलिए प्रद्युम्न मंत्री पद के दावेदार बताये जा रहे हैं।
वहीं ग्वालियर दक्षिण सीट से कड़े मुकाबले में तीन बार के लगातार विजेता कैबिनेट मंत्री नारायण सिंह कुशवाह को 121 वोटों से करारी मात देने वाले युवा चेहरे प्रवीण पाठक भी मंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं । हालांकि वे पहला ही चुनाव जीते हैं लेकिन सुरेश पचौरी गुट के अकेले विजेता विधायक होने से ये भी दावेदारों की लिस्ट में है। उधर अनुभवी विधायकों में शामिल लाखन सिंह ने सांसद अनूप मिश्रा को भितरवार सीट से 12 हजार से अधिक वोटों से हराया है। लाखन सिंह लगातार भितरवार से चौथी बार विधायक बने हैं। ये भी मंत्री पद के प्रबल दावेदार हैं । इसके अलावा वरिष्ठ नेता मुन्नालाल का नाम भी मंत्री पद की चर्चा में शामिल है क्योंकि वे लगातार कई चुनाव हारने के बाद कोई पहला चुनाव जीते है। वहीं डबरा से चुनाव जीतकर आई इमरती देवी मंत्री पद की सशक्त दावेदार हैं । वे लगातार चार बार से विधायक है। साथ ही महिला और रिजर्व कोटे की विधायक होने का लाभ उन्हें मिल सकता है। अब देखना ये है कि ग्वालियर से जीते पांच में से कितने विधायक सिंधिया को कनवेंस कर पाते हैं और मंत्री पद पा लेते हैं ।