एम्बुलेंस जब्त कराने के बाद JAH ने नहीं की व्यवस्था, लोडिंग गाड़ी में शव ले जाने को मजबूर परिजन

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ग्वालियर। जयारोग्य अस्पताल समूह में संचालित 33 अवैध एम्बुलेंस जब्त हो जाने का असर अब दिखाई देने लगा है।  अस्पताल प्रबंधन ने मरीजों के लिए कोई वैकल्पिक इंतजाम नहीं किये है। हालत ये है कि शव के लिए भी शव वाहिका उपलब्ध नहीं है नतीजतन परिजन लोडिंग वाहनों में शव ले जाने को मजबूर हैं।

जयारोग्य अस्पताल समूह के अधीक्षक सह संयुक्त संचालक डॉ.अशोक मिश्रा की शिकायत के बाद जिला प्रशासन की संयुक्त टीम ने बीते रोज अवैध रूप से संचालित 33 एम्बुलेंस को जब्त कर लिया । ये कार्रवाई अस्पताल प्रबंधन के नियमों के हिसाब से तो सही मानी जा सकती है लेकिन इसका असर मरीज और उनके परिजनों पर पड़ रहा है। एम्बुलेंस की कमी के चलते मरीजों को लाने और ले जाने में परेशानी होने लगी है। दो दिन में ही हालात इतने ख़राब हो गए है कि परिजनों को शव ले जाने के लिए शव वाहिका भी नहीं मिल रही। और मज़बूरी में उन्हें प्राइवेट लोडिंग वाहन से शव को ले। जाना पड़ रहा है। श्योपुर  के धोकरी गांव से आये श्रीपाल ने बताया कि उसे अपने भाई नारायण के शव को गांव वापस ले जाने के लिए करीब 5 घंटे भटकना पड़ा। अस्पताल परिसर में ना शव वाहिका मिली और ना ही कोई अन्य वाहन । उन्हें बड़ी मुश्किल अस्पताल परिसर में एक निर्माण साइट पर एक लोडिंग वाहन मिला जिसका ड्राइवर  5500 रुपए में शव ले जाने को तैयार हुआ। उधर अस्पताल अधीक्षक डॉ.अशोक मिश्रा का दावा है कि अस्पताल के पास 6 एम्बुलेंस है और स्टेंड पर भी रजिस्टर्ड 4 एम्बुलेंस हैं इन्हीं से मरीजों को लाया और ले जाया जा रहा है। कुछ शव वाहिकाएं भी बाहर से मंगवाई हैं। डॉ. मिश्रा का कहना है जिन्हें जरुरत है वे हमसे संपर्क करें।


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