भारत बंद : वामपंथियों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन

Atul Saxena
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ग्वालियर,अतुल सक्सेना। किसान आंदोलन (Farmer Protest) के समर्थन में आयोजित भारत बंद (Bharat Bandh)में तमाम राजनैतिक और सामाजिक संगठन शामिल हुए। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPIM) ने ग्वालियर में जगह जगह प्रदर्शन किये वहीं कांग्रेस (Congress) ने कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर विरोध जताया।

भारत बंद के मौके पर आज माकपा के जत्थे सुबह 6 बजे से अलग-अलग मोर्चों पर डट गये। माकपा और मध्यप्रदेश किसान सभा के जत्थों ने हजीरा क्षेत्र में और मुरार में मोर्चा संभाला वहीं लश्कर माकपा, सीटू, एसएफआई, और अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति के जत्थों के अलावा भाकपा माले, जन अधिकार पार्टी के जत्थों ने ग्वालियर बंद को सफल बनाया। माकपा जत्थों का नेतृत्व वरिष्ठ नेता रामविलास गोस्वामी एवं जिला सचिव अखिलेश यादव तथा किसान सभा के जत्थों का नेतृत्व किसान नेता रामबाबू जाटव, रामकिशन कुशवाह के अलावा एडवा की नेता प्रीति सिंह, रीना शाक्य कर रहीं थी। जत्थों में छात्र-नौजवान आकांक्षा धाकड़, कविता कुमारी, अमित सक्सेना, के अलावा श्याम यादव, मोहनसिंह पटेल, युसूफ अब्बास, दिनेश सिंह, सुग्रीव कुशवाह, प्रवेश कुशवाह, कांति प्रसाद राठौर, गणेश राठौर, नहारसिंह, विनोद रावत, मयंक रावत, विशाल किटकिरिया, नवलसिंह कुशवाह, अनवर अली, श्यामलाल कुशवाह, सीटू की मान्यता सरोज, मनोज शर्मा आदि शामिल थे।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव अखिलेश यादव और वरिष्ठ नेता रामविलास गोस्वामी ने आम व्यवसायियों, ऑटो, टैम्पो सहित सभी को ग्वालियर बंद में शांतिपूर्वक योगदान देने पर धन्यवाद दिया है। वहीं सरकार से किसान विरोधी तीनों काले कानूनों को वापिस लेने और बिजली बिल 2020 वापिस लेने की मांग की है। बंद के बाद मध्यप्रदेश किसान सभा के जत्थे दिल्ली के लिए कूच करेंगे।

उधर जिला कांग्रेस कमेटी ने जिला अध्यक्ष डॉ देवेंद्र शर्मा के नेतृत्व में कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह को राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कृषि कानूनों को काला कानून बताते हुए किसान आंदोलन को समर्थन देने की बात कही गई है। जिला अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस हमेशा किसानों के साथ खड़ी है। ज्ञापन देने वालों में विधायक प्रवीण पाठक, विधायक सतीश सिंह सिकरवार, प्रवक्ता आनंद शर्मा सहित बड़ी संख्या में जिला पदाधिकारी मौजूद थे।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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