लिव इन पार्टनर ने गला दबाकर की हत्या, महिला कर रही थी ब्लैकमेल

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना।  ग्वालियर (Gwalior News) में अवैध संबंधों का अंत जान गंवाने के साथ हुआ। लिव इन पार्टनर (live in partner) ने महिला की ब्लैकमेलिंग (blackmailing of women) से परेशान होकर उसकी हत्या (Murder) कर दी। ग्वालियर पुलिस (Gwalior Police) ने 12 घंटे में अंधे क़त्ल की गुत्थी सुलझाई और 24 घंटे में आरोपी को आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। एसपी ने हत्या का खुलासा  टीम को 10,000 रुपये का कैश रिवार्ड देने की घोषणा की है।

ग्वालियर के जनक गंज थाना क्षेत्र में गोल पहाड़िया के पास एक घर में बुधवार को एक महिला का शव मिला था।  महिला की उम्र 35 साल के आसपास थी।  घटना के बाद जनकगंज थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर तफ्तीश शुरू की तो मकान मालिक ने  बताया कि 10 दिन पहले ही कमरा किराये पर लिया था। पुलिस ने जब मोहल्ले के लोगों से पूछताछ की तो मालूम चला कि महिला की दो शादियां हो चुकी हैं पहले पति से तलाक हो चुका है और दूसरा पति इससे अलग रहता है। महिला जल्दी जल्दी मकान भी बदलती थी।

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एसपी अमित सांघी ने बताया कि पुलिस ने जब और गहराई से तफ्तीश की तो मालूम चला कि महिला के कई पुरुषों से दोस्ती है यहाँ वो एक पुरुष के साथ पिछले पांच छह महीनों से संबंधों में थी। घटना से एक दिन पहले महिला ने पुरुष  पैसों की डिमांड की, चूँकि आरोपी मजदूरी करता है तो उसने पैसे देने से इंकार कर दिया।  इसपर महिला ने कहा कि मैं पुलिस में तेरी शिकायत कर दूंगी।  घबराये आरोपी ने महिला के दुपट्टे से ही उसका गला दबाकर हत्या कर दी और फरार हो गया।

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एसपी ने कहा कि  पुलिस ने लास्ट कॉल, वैज्ञानिक जांच और अन्य कई तरीकों से पड़ताल की और 12 घंटे में मामले की तह तक पहुँच गई और 24 घंटे में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।  एसपी ने अंधे क़त्ल का खुलासा करने वाली टीम को 10,000 रुपये का कैश अवार्ड देने की घोषणा की है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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