MP नगरीय निकाय चुनाव : भाजपा कांग्रेस का टूटा भ्रम, बागियों को तेवर अब तक नहीं पड़े नरम

ग्वालियर, अतुल सक्सेना। MP नगरीय निकाय चुनाव (MP urban body elections)के पहले चरण के मतदान में अब कुछ ही दिन शेष हैं , 6 जुलाई को पहले दौर का मतदान होगा, ऐसे में भाजपा (BJP Madhya Pradesh) और कांग्रेस (MP Congress) जैसे बड़ी पार्टियों के सामने उनके बागियों का मैदान में डटे रहना मुश्किलें खड़ी कर रहा है। नाम वापसी की तारीख से पहले शुरू हुई बागियों के मान मनौव्वल का दौर अभी भी जारी है।  खास बात ये है कि बागियों के तेवरों को देखते हुए अभी तक दोनों ही पार्टियों ने कोई कड़ा एक्शन उनके खिलाफ नहीं लिया है।

ग्वालियर नगर निगम चुनावों के लिए भाजपा और कांग्रेस के पार्षद पद के प्रत्याशियों की सुगबुगाहट के साथ ही असंतोष पैदा हो गया और घोषणा होते होते बागियों ने ताल ठोक दी। दोनों ही पार्टियों के करीब दो सैकड़ा बागियों ने नामांकन दाखिल कर अपनी ही पार्टियों के चुनावी गणित को गड़बड़ा दिया।

ये भी पढ़ें – MP के नाम हुई रणजी ट्रॉफी, बना इतिहास, सीएम शिवराज ने दी बधाई

नामांकन वापसी के आखिरी दिन भाजपा (Gwalior BJP) और कांग्रेस (Gwalior Congress)  80 प्रतिशत बागियों को मनाने में सफल हो गई लेकिन करीब 20 प्रतिशत अभी भी मैदान में डटे हैं , इन बागियों की मान मनौव्वल का दौर जारी है चेतावनी भी दी जा रही है लेकिन अभी तक ये अपने फैसले पर अड़े हैं।

ये भी पढ़ें – Ranji Trophy 2022 Winner : एमपी की जीत में इन तीन खिलाड़ियों का रहा बड़ा हाथ, मुश्किलों भरा था सफर

भाजपा जिला अध्यक्ष कमल माखीजानी कह रहे हैं कि नरम रुख इसलिए है कि कार्यकर्ता को तैयार करने में पार्टी का भी श्रम लगता है , हमारे यहाँ पार्टी एक परिवार का रूप है इसलिए कोई बड़ा नेता नहीं चाहता कि किसी के खिलाफ कार्रवाई हो , 192 कार्यकर्ताओं ने फॉर्म भरा था और ज्यादातर ने वापस ले लिया। 19 ने नाम वापस नहीं लिया इसमें से 3 ने पत्र लिखकर अधिकृत प्रत्याशी को समर्थन दे दिया है अब शेष 16 भी आज सीएम के दौरे के बाद मान जायेंगे ऐसी उम्मीद है। वर्ना उन्हें फिर निष्कासन जैसी कड़ी कार्रवाई झेलनी पड़ेगी।

ये भी पढ़ें – मध्यप्रदेश : “अग्निपथ योजना” के विरोध में कांग्रेस का 27 को देशव्यापी धरना

उधर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आरपी सिंह का कहना है कि कही कोई बगावत नहीं है , जिन्होंने फॉर्म भरा था अधिकांश ने वापस ले लिया है।  जिन लोगों ने किसी कारण नाम वपस नहीं लिया है उनसे संपर्क और संवाद जारी है , उम्मीद है कि जल्दी ही वे मान जायेंगे , नहीं तो कमल नाथ और अनुशासन समिति निश्चित ही एक्शन लेगी।


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News