जहरीली शराब बन रही मौत का कारण! एसपी ऑफिस पहुंची महिलाओं ने थाने पर लगाये संरक्षण के आरोप

महिलाओं ने आरोप लगाये कि अवैध जहरीली शराब बेचने वाला परिवार लंबे समय से ये काम कर रहा है अब ये लोग छोटे बच्चों को भी शराब की बोतल थमाने लगे हैं उन्होंने मोहल्ले से शर्ब बिक्री बंद कराने की मांग की है

Gwalior News : ग्वालियर में जहरीली शराब की बिक्री और उससे मौत की खबर कुछ अजीब लगती है, लेकिन महिलाओं ने एसपी ऑफिस में आवेदन देकर इसकी शिकायत की है, जन सुनवाई में पहुंची महिलाओं में वो महिलाएं भी शामिल थी जिन्होंने अपने परिजनों को इस जहरीली शराब से खो दिया, आक्रोशित महिलाओं ने पुलिस पर जहरीली शराब  बेचने वालों को संरक्षण देने के गंभीर आरोप लगाये हैं।

गिरवाई थाना क्षेत्र में रहने वाली बहुत सी महिलाएं आज एक समूह में एसपी ऑफिस की जनसुनवाई में पहुंची, इनका कहना था कि इनके मोहल्ले में अवैध जहरीली शराब की बिक्री खुलेआम होती है एक परिवार उसे बेचता है और सबको नशे का आदि बना रहा है।

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पुलिस थाने पर जहरीली शराब बेचने वालों को संरक्षण देने के आरोप 

महिलाओं ने कहा कि हमने गिरवाई थाने में कई बार शिकायत की लेकिन पुलिस कोई सुनवाई नहीं करती महिलाओं ने आरोप लगाया कि पुलिस ही शराब बिकवाती है और आरोपियों की संरक्षण देती है, महिलाओं ने कहा कि जहरीली शराब के कारण हमारे मोहल्ले में मौत हो रही है अभी भी अस्पताल में कुछ लोग भर्ती हैं लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।

महिला बोली जहरीली शराब ने मेरे पति और दामाद की जान ले ली 

एक महिला ने रोते हुए बताया कि जहरीली शराब बेचने वाले ने मेरे दामाद को शराब पिलाकर उसकी जान ले ली मेरी बेटी विधवा हो गई मेरे पति भी शराब पीकर मर गए लेकिन यहाँ जहरीली शराब की बिक्री कोई नहीं रोक रहे और हमारे लोगों की जान  जा रही है।

एडिशनल एसपी ने डीएसपी को जाँच के निर्देश दिए 

एडिशनल एसपी गजेंद्र सिंह वर्धमान ने कहा कि महिलाओं ने अवैध शराब की बिक्री की शिकायत की है , उन्होंने कुछ और आरोप भी लगाये हैं मैंने डीएसपी को जाँच के निर्देश दिए हैं।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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