इस समय पूरी दुनिया पर एक बड़ा तनाव बना हुआ है। दरअसल, अमेरिका और चीन के बीच इस समय तनातनी का माहौल बना हुआ है। जब से डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की ओर से टैरिफ बढ़ाने का ऐलान किया गया है, तब से यह माहौल और गहरा गया है। दरअसल, जवाबी कार्रवाई में चीन ने भी टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है। अब चीन टिकटॉक सौदे को मंजूरी देने के मूड में नजर नहीं आ रहा है। हालांकि अब डोनाल्ड ट्रंप ने इस मामले पर अपना रुख बदल लिया है।
दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने साफ कर दिया है कि अब चीन पर लगे टैरिफ को कम करने की तैयारी की जा रही है। यह टैरिफ में ढील चीन के टिकटॉक सौदे को मंजूरी दिलाने में मदद कर सकती है। जानकारी के अनुसार, टिकटॉक सौदे के तहत टिकटॉक का संचालन करने वाली कंपनी बाइटडांस को अपने अमेरिका ऑपरेशन का अधिकांश हिस्सा अमेरिकी कंपनियों को बेचना है।

क्या है पूरा मामला?
दरअसल, अमेरिकी कानून के अनुसार सिर्फ 20-20% हिस्सेदारी ही चीनी कंपनी के अधीन दी जा सकती है, लेकिन इसके लिए चीन सरकार की मंजूरी बेहद जरूरी है। ऐसे में जब डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की ओर से टैरिफ बढ़ाने का ऐलान किया गया, तो चीन ने भी इस सौदे से अपना हाथ खींच लिया। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अब टिकटॉक अमेरिकी ऑपरेशन को अमेरिका की एक नई कंपनी बेचेगा। इसके लिए अमेरिकी सरकार की ओर से इस सौदे को मंजूरी मिल गई है, लेकिन मामला चीन सरकार पर जाकर अटक गया है। बाइटडांस ने जानकारी दी है कि चीनी कानून के अनुसार कोई भी समझौता प्रासंगिक समीक्षा प्रक्रियाओं के अधीन होता है। इस सौदे को लेकर अभी भी मतभेद दिखाई दे रहे हैं।
चीन हमारे टैरिफ से खुश नहीं! डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump)
जबकि चीन दूतावास का कहना है कि कई मौकों पर टिकटॉक पर अपनी स्थिति स्पष्ट की गई है। चीन हमेशा से ही उद्यमों के वैध अधिकारों और हितों का सम्मान करता आया है, लेकिन बाजार अर्थव्यवस्था के बुनियादी सिद्धांतों का उल्लंघन करने वाली प्रथाओं का विरोध भी करता है। वहीं, अब चीन के इस कड़े रुख के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि अभी इस सौदे पर और भी काम करने की जरूरत है। हम उम्मीद कर रहे हैं कि हम चीन के साथ सद्भावना पूर्वक काम करना जारी रखेंगे, लेकिन मुझे लगता है कि चीन हमारे पारस्परिक टैरिफ से बहुत खुश नजर नहीं आ रहा है।