देश के इकलौते ‘अटल मंदिर’ में हुई पूजा, तोमर बोले “अटल जी के जीवन को सबको पढ़ना चाहिए”

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ग्वालियर । पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी का देश में इकलौता मंदिर ग्वालियर में स्थित है। इस पर हर साल अटल जी के जन्म दिन पर स्थानीय लोग पूजा अर्चना करते हैं। खास बात ये है कि अटल जी के बताये मार्ग पर चलने का दावा करने वाले सैंकड़ों नेताओं में एक भी इस मंदिर पर नहीं पहुँचता। 

ग्वालियर में सत्य नारायण की टेकरी पर अटल बिहारी वाजपेयी का मंदिर बना हुआ है जिसका निर्माण  22 साल पहले हाईकोर्ट के प्रसिद्ध अभिभाषक एवं अटल जी को आदर्श मानने वाले विजय सिंह चौहान ने कराया था। उनका मानना है कि राजनीति के क्षेत्र में जहां सबसे ज्यादा लोग विवादों में रहते हैं वहां अटल जी ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है और एक आदर्श उदाहरण बनाकर दुनिया के सामने पेश किया है कि देश सेवा और ईमानदारी से बढ़कर कुछ भी नहीं है । उन्होंने अपने लिए नहीं बल्कि समूची मानव जाति के उत्थान के लिए जो कार्य किए हैं उसको अक्षुण्य बनाए रखने के लिए इस मंदिर का निर्माण कराया गया है। लेकिन खास बात यह है कि इस मंदिर पर कोई राजनेता नहीं पहुंचता है बल्कि साधु संत और मंदिर से जुड़े संस्थापक सदस्य ही अटल जी के जन्मदिन मनाने के लिए इस मंदिर पर पहुंचते हैं और भजन-कीर्तन करते हैं। जबकि ग्वालियर में अटल जी का जन्म हुआ और यहीं राजमाता के साथ मिलकर उन्होंने भाजपा की नीव मजबूत की थी। सैंकड़ों नेता आज भी अटल जी के बताये मार्ग पर चलने का दावा करते हैं लेकिन यहाँ अटल जी के मंदिर पर कोई नहीं पहुँचता।  

उधर ग्वालियर पहुंचे  केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि उनका बड़ा सौभाग्य है कि उन्हें भी अटल बिहारी वाजपेयी के सानिध्य में काम करने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि अटल जी की सरलता और उदारता हमेशा लोगों के बीच चर्चा में रहती है। उनका व्यक्तित्व आने वाली पीढ़ियों तक इस देश को प्रेरणा देता रहेगा। उन्होंने कहा कि अटल जी का सार्वजनिक जीवन मेरे जैसे प्रत्येक कार्यकर्ता को पढ़ना चाहिए और उससे मिली प्रेरणा को अपनी जीवन में अंगीकार करना चाहिए| 


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