ग्वालियर सेंट्रल जेल में राम धुन शुरू, सोमवार को नव निर्मित मंदिर में होगी राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा

Shashank Baranwal
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Gwalior News: पूरा देश इस समय राम मय है, कल सोमवार 22 जनवरी का दिन उस समय इतिहास में दर्ज हो जायेगा जब अयोध्या के राम मंदिर में 500 वर्ष की रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। ग्वालियर में भी इस उत्सव की धूम है। ग्वालियर की सेंट्रल जेल में बंद कैदी भक्तिभाव में डूबे हुए हैं और नव निर्मित मंदिर में रामधुन गा रहे हैं, इस मंदिर में भी कल 22 जनवरी को राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा होगी।

ग्वालियर सेंट्रल जेल के नये मंदिर में होगी राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा

ग्वालियर सेंट्रल जेल में बंदियों की इच्छा को मान देते हुए जेल प्रबंधन ने एक और मंदिर का निर्माण कराया है इस मंदिर के लिए राम दरबार की एक सुंदर मूर्ति जयपुर, राजस्थान से मंगाई गई है। इस राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा कल उसी मुहूर्त में की जायेगी जब अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जायेगी।

आयोजन में मुस्लिम बंदी भी उत्साह के साथ शामिल

जेल अधीक्षक विदित सरवैया ने बताया की बंदियों में अयोध्या में राम मंदिर की स्थापना और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर बहुत उत्साह है, कल जेल में भी धार्मिक आयोजन होंगे। उन्होंने कहा कि बंदियों की इच्छा थी जेल में एक और मंदिर बनवाया जाए, मंदिर बन गया है कल इसमें मूर्ति की स्थापना होगी। बंदी अभी से मंदिर के बाहर राम धुन का पाठ कर रहे हैं। भजन कीर्तन कर रहे हैं। खास बात ये है कि इस आयोजन में सिर्फ हिंदू बंदी ही नहीं मुस्लिम बंदी भी बढ़ चढ़ कर शामिल हैं।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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