Gwalior पुलिस का शर्मनाक कारनामा, हाई कोर्ट ने दिये TI के खिलाफ FIR के निर्देश

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर की पुलिस (Gwalior Police) का एक शर्मनाक कारनामा सामने आया है। दरअसल घर से गायब हुई नाबालिग लड़की के मामले में रिपोर्ट न करने का खामियाजा पुलिस को भुगतना पड़ा है। हाई कोर्ट ने इस मामले में टीआई और एएसआई के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करने के एसपी को निर्देश दिए हैं।

अपनी कार्यशैली को लेकर विवादों में रही ग्वालियर पुलिस (Gwalior Police) का एक और कारनामा सामने आया है। हाई कोर्ट ने ग्वालियर के एसएसपी को निर्देश दिए हैं कि वे झांसी रोड टीआई संजीव नयन शर्मा और एएसआई राज कुमार त्रिपाठी के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करें और 10 दिन के भीतर पुलिस हाई कोर्ट में रिपोर्ट पेश करें। एसएसपी अमित सांघी (Gwalior SSP Amit Sanghi) को निर्देश दिए गए हैं कि खुद इस मामले को देखें और रिपोर्ट पेश करें।

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दरअसल कमलाबाई नाम की महिला ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी कि उसकी नाबालिग बेटी को सोनू पारदी और दो अन्य लोगों ने बंदी बना लिया है। इस मामले की शिकायत करने जब वह 15 जून 2022 को झांसी रोड पुलिस स्टेशन गई तो पुलिस ने कार्रवाई करने के बजाय उसके साथ दुर्व्यवहार किया। टीआई संजीव नयन शर्मा ने उसके पति को मारने के लिए लाठी उठा ली और एएसआई त्रिपाठी ने जूता उतार लिया।

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टीआई ने कहा कि उसकी बेटी नाबालिग नहीं है। कोर्ट ने इसे बेहद आपत्तिजनक मानते हुए कहा कि थाना प्रभारी ने याचिकाकर्ता उसके परिजन के साथ अभद्रता की है और नाबालिग के बयान पर भी जांच के आधार पर भरोसा कर लिया। इसी आधार पर हाई कोर्ट ने कार्रवाई करने के आदेश दिए।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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