Lok Sabha Election 2024: बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाता के घर पहुंचे मतदान दल, उम्र और तकलीफ की परवाह किये बिना मतदाताओं ने डाले वोट

संयुक्त कलेक्टर एवं डाक मत पत्र प्रभारी अशोक चौहान ने बताया कि ग्वालियर जिले में 85 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग एवं 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाले कुल 2310 मतदाताओं ने फॉर्म-12डी भरकर घर पर ही वोट डालने के लिये सहमति दी है।

Atul Saxena
Published on -
Gwalior Polling

Lok Sabha Election 2024:  लोकतंत्र के महापर्व चुनाव का दूसरा चरण आज संपन्न हो गया, मतदाता जहाँ पोलिंग बूथ पर जाकर मतदान कर रहे हैं लेकिन जो अशक्त हैं, बुजुर्ग हैं या दिव्यांग हैं और मतदान करना चाहते हैं उनके लिए मतदान दल घर पहुंच रहे हैं और उनसे मतदान करवा रहे हैं, ग्वालियर में ये प्रक्रिया आज और कल यानि 26 और 27 अप्रैल को संपन्न होगी।

शुक्रवार को कलेक्ट्रेट से मतदान सामग्री प्रदान कर मतदान दलों को विशेष वाहनों द्वारा घर-घर वोट डलवाने के लिए रवाना किया गया। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती रुचिका चौहान ने हरी झण्डी दिखाकर मतदान दल रवाना किए। इस अवसर पर अपर कलेक्टर एवं नोडल अधिकारी प्रशिक्षण श्रीमती अंजू अरूण कुमार, उप जिला निर्वाचन अधिकारी संजीव जैन, एआरओ अतुल सिंह एवं डाक मत पत्र प्रभारी व एसडीएम मुरार अशोक चौहान सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे। आपको बता दें कि बुजुर्गों व दिव्यांगों से घर-घर जाकर वोट डलवाने के लिये जिले के सभी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में कुल 120 रूट निर्धारित किए गए हैं। इसकी जानकारी सभी प्रत्याशियों को दी गई है। घर-घर वोट डलवाने के लिए 26 अप्रैल से शुरू हुआ प्रथम चरण 27 अप्रैल को भी जारी रहेगा। यदि कोई बुजुर्ग व दिव्यांग मतदाता घर पर नहीं मिलता है तो द्वितीय चरण में 28 अप्रैल को मतदान दल उनके घर पर वोट डलवाने पहुँचेंगे।

जीवन की आखिरी दहलीज पर खड़े बुजुर्गों ने उत्साह व उमंग के साथ डाले वोट

जीवन के 94 बसंत देख चुके मानकचंद ने यूँ तो कई बार अपने मताधिकार का उपयोग किया। पर ज्यादातर मतदान केन्द्र पर जाकर वोट डाले। इस बार उन्हें थोड़ी चिंता थी कि अगर किसी का सहारा नहीं मिला तो कैसे वोट डालेंगे। उनके इस असमंजस को भारत निर्वाचन आयोग ने दूर कर दिया। शुक्रवार 26 अप्रैल को घासमंडी ग्वालियर स्थित उनके घर पर मतदान दल पहुँचा और विधिवत बूथ बना दिया। फिर क्या मानकचंद ने खुशी-खुशी वोट डालकर अपने मताधिकार का उपयोग किया।

90 साल के कई बुजुर्गों में दिखा मतदान के लिए जबरदस्त उत्साह 

जिंदगी की आखिरी दहलीज पर खड़े अन्य बुजुर्गों ने अपने-अपने घर पर उत्साहपूर्वक मतदान किया। जिले के विधानसभा क्षेत्र ग्वालियर पूर्व के अंतर्गत श्रीराम कॉलोनी हरीशंकरपुरम निवासी 90 वर्षीय बुजुर्ग महिला श्रीमती विद्यादेवी अग्रवाल, विधानसभा क्षेत्र ग्वालियर के किलागेट क्षेत्र के निवासी 90 वर्षीय बुजुर्ग मुन्नालाल शर्मा, डबरा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पिछोर निवासी लगभग 90 वर्षीय  जानकी प्रसाद ने भी शुक्रवार को अपने घर से पोस्टल बैलेट के जरिए मतदान किया। अलग-अलग मतदान दलों ने इन सभी के घरों पर पहुँचकर भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत बूथ बनाकर मतदान कराया।

दिव्यांग रमेश भी वोट डालकर हुए खुश  

88 साल की भितरवार विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पवाया निवासी श्रीमती कमला देवी व चीनौर निवासी 86 वर्षीय बुजुर्ग महिला श्रीमती सावित्री देवी ने भी अपने – अपने घर से वोट डाले। दोनों पैरों से दिव्यांग 53 वर्षीय रमेश ने भी अपने घर से मतदान किया। होरी का पुरा किलागेट ग्वालियर निवासी रमेश वोट डालकर गदगद थे। वे बोले कि निर्वाचन आयोग मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिये मतदाताओं को हर संभव सुविधायें मुहैया करा रहा है। अब हम सबकी जिम्मेदारी है कि अधिक से अधिक मतदान कर लोकतंत्र को मजबूती प्रदान करें।

जिले में 2310 बुजुर्ग एवं दिव्यांग मतदाताओं ने दी है घर से ही मतदान करने की सहमति

संयुक्त कलेक्टर एवं डाक मत पत्र प्रभारी अशोक चौहान ने बताया कि ग्वालियर जिले में 85 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग एवं 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाले कुल 2310 मतदाताओं ने फॉर्म-12डी भरकर घर पर ही वोट डालने के लिये सहमति दी है। इनमें 1675 बुजुर्ग मतदाता एवं 635 दिव्यांग मतदाता शामिल हैं। कुल 2310 दिव्यांग व बुजुर्ग मतदाताओं में विधानसभा क्षेत्र ग्वालियर ग्रामीण के 505, ग्वालियर के 445, ग्वालियर पूर्व के 447, ग्वालियर दक्षिण के 406, भितरवार के 267 एवं विधानसभा क्षेत्र डबरा के 240 मतदाता शामिल हैं।


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News