Gwalior News : ग्वालियर की जिला न्यायालय की स्पेशल कोर्ट ने कांग्रेस विधायक अजब सिंह कुशवाह, (Congress MLA Ajab Singh Kushwaha sentenced to two years) उनकी पत्नी और उनके साथी कृष्ण गोपाल चौरसिया को धोखाधड़ी के एक मामले में 2-2 साल की सजा और 10-10 हजार रुपये के अर्थदंड से दण्डित किया है, कोर्ट ने पीड़ित को प्रतिकर के रूप में 25 हजार रुपये भी दिलवाए हैं। बाद में कोर्ट ने आरोपी के आवेदन को स्वीकार करते हुए उसे जमानत भी दे दी।
सात लाख पैंतालीस हजार में बेचा था प्लाट
विशेष लोक अभियोजक अभिषेक मेहरोत्रा के मुताबिक फरियादी पुरुषोत्तम लाल शाक्य ने मुरैना जिले के सुमावली विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक अजब सिंह कुशवाह से ग्वालियर जिले के महाराजपुरा थाना क्षेत्र में 2011 में प्लाट का सौदा किया था, विधायक कुशवाह ने 1600 वर्गफीट का प्लाट सात लाख पैंतालीस हजार पांच सौ रुपये नगद लेकर उन्हें बेचा।
जब पीएल शाक्य ने प्लाट पर निर्माण करने की तैयारी की तो उसे मालूम चला कि उपरोक्त प्लाट तो पहले से किसी और को बेचा जा चुका है और ये शासकीय भूमि है। अपने साथ धोखे की बात सामने आने के बाद फरियादी पीएल शाक्य ने अजब सिंह कुशवाह से पैसे वापस मांगे तो उसने इंकार कर दिया और उसका जातिगत अपमान किया, परेशान पीएल शाक्य ने महाराजपुरा थाने में साल 2014 में धोखाधड़ी सहित अलग अलग धाराओं में मामला दर्ज कराया।
अभियोजन साक्ष्य के बाद अपराध सिद्ध होने पर ग्वालियर जिला न्यायालय विशेष न्यायालय एमपी/एमएलए सुशील कुमार जोशी की कोर्ट ने विधायक अजब सिंह कुशवाह, उनकी पत्नी शीला कुशवाह और उनके साथी कृष्ण गोपाल चौरसिया को दोषी मानते हुए 2-2 साल की सजा और 10-10 रुपये का जुर्माने से दण्डित किया, स्पेशल कोर्ट ने फरियादी पीएल शाक्य को पीड़ित पाते हुए प्रतिकर के तौर पर 25 हजार रुपये की राशि आरोपियों से वसूलने का आदेश भी दिया।
कोर्ट ने जमानत अर्जी स्वीकार की
सुनवाई के दौरान कोर्ट में कांग्रेस विधायक अजब सिंह कुशवाह उनकी पत्नी शीला देवी और कृष्ण गोपाल चौरसिया उपस्थित थे। उन्होंने न्यायालय से दो सप्ताह का समय मांगा। न्यायालय ने उन्हें फौरी तौर पर अंतरिम राहत देते हुए जमानत स्वीकार कर ली है और 15 दिन के भीतर हाईकोर्ट से अपनी जमानत को कंफर्म करने के निर्देश दिए हैं। जमानत मिलने क एबाद विधायक अजब सिंह कुशवाह पत्नी और साथी के साथ कोर्ट से निकल गए।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....