सड़क दुर्घटना में दो दोस्तों की मौत के बाद हड़कंप, शवों को सड़क पर रखकर चक्का जाम

ग्वालियर, अतुल सक्सेना। सड़क दुर्घटना (Road Accident) में घायल दो दोस्तों की इलाज के दौरान मौत हो जाने के बाद परिजन और क्षेत्रीय लोगों ने शवों को चौराहे पर रखकर चक्का जाम (Chakka Jam) कर दिया। मौके पर पहुंचे पुलिस और प्रशासन के अफसरों ने परिजनों को 10,000 – 10,000 की आर्थिक सहायता दी और दोषियों पर कार्रवाई का भरोसा दिलाकर शवों को अंतिम संस्कार के लिए भिजवा दिया।

मृतकों के पड़ोसी एवं दोस्तों ने बताया कि राहुल माहौर और राज बाथम गोले का मंदिर चौराहे के पास ठेला लगते थे दोनों आपस में दोस्त थे वे बीती रात किसी काम से बाइक पर जा रहे थे तभी किसी अज्ञात वाहन ने उनकी बाइक को पीछे से टक्कर मार दी। टक्कर लगते ही बाइक उछलकर डिवाइडर से टकरा गई और दोनों सड़क पर गिर पड़े। जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। परिजनों ने पीएम के बाद शवों को गोले का मंदिर चौराहे पर रख कर चक्का जाम कर दिया। जाम की सूचना मिलते ही एसडीएम पुष्पा पुषाम और सीएसपी राम नरेश पचौरी गोले का मंदिर चौराहे पे पहुँच गए । एसडीएम ने तत्कालिक सहायता के तौर पर मृतकों के परिजनों को रेड क्रॉस से 10,000, 10,000 हजार रुपये की सहायता राशि दी और कहा कि अन्य शासकीय सहायता के लिये उनका प्रकरण बनाकर भेजा जायेगा। अधिकारियों का आश्वासन मिलने के बाद परिजनों ने चक्का जाम खोल दिया। परिजनों ने पुलिस से कहा कि उस अज्ञात वाहन की खोज की जाए जिसने उनके घर के चिराग बुझा दिये।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....