डबरा की पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष ने बाबा साहब की मूर्ति खंडित करने वालों की गिरफ़्तारी की मांग की, सौंपा ज्ञापन

Atul Saxena
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डबरा, अरुण रजक। ग्वालियर जिले की डबरा नगरपालिका में आज जनसुनवाई के दौरान पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष सत्यप्रकाशी परसेडिया (Dabra former municipal president Satyapraki Parsedia ) अपने समर्थकों के साथ पहुंची और कलेक्टर एवं एसपी के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपते हुए सहराई गांव में बाबा साहब की मूर्ति खंडित किये जाने की जांच कर दोषियों की गिरफ़्तारी की मांग की।

ज्ञापन में सत्य प्रकाशी परसेडिया ने कहा कि ग्राम सहराई वार्ड क्रमांक 8 में जो बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की मूर्ति स्थापित है उस प्रतिमा को बीते दिनों कुछ असामाजिक मनुवादी लोगों के द्वारा खंडित किया गया था। हम सब बहुजन समाज पार्टी के लोग मांग करते हैं कि सहराई ग्राम में जो बाबा साहब की प्रतिमा खंडित की गई है उसकी गहराई से जांच की जाए और दोषी करार पाए जाने वाले लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाए जिससे भविष्य में महापुरुषों की मूर्तियों को खंडित होने से बचाया जा सके क्योंकि बार-बार ऐसा होने से समाज के लोग एवं प्रशासन को परेशानियों का सामना करना पड़ता है साथ ही आर्थिक क्षति भी होती है और सामाजिक व्यवस्था में उद्दंडता का माहौल पनपता है।

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साथ ही उन्होंने कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग इस घटना पर अपनी अपनी राजनीति कर रहे हैं। जिनको ना तो बाबा साहब की प्रतिमा से कोई मतलब है और न ही उन्होंने बाबा साहब की कोई बातें की। पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष सत्यप्रकाशी परसेडिया ने निगम मंडल की अध्यक्ष और पूर्व मंत्री इमरती देवी और कांग्रेस के विधायक सुरेश राजे पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि वह मौके पर पहुंचने के बाद बाबा साहब की प्रतिमा के बारे में बात ना करते हुए जमीन के बारे में बात करने लगे और तो और पार्षदों की खरीद-फरोख्त के बारे में भी बातें हुई लेकिन जिस जमीन के बारे में पूर्व मंत्री और डबरा विधायक सुरेश राजे ने कहा कि हमने मंजूर कराई है वह जमीन। उन्होंने कहा कि वह जमीन मेरे कार्यकाल में कलेक्टर महोदय के आदेश अनुसार मेरे द्वारा मंजूर कराई गई थी जिसका मेरे पास सबूत भी है।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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