IPL पर सट्टा खिलाते तीन सटोरिये गिरफ्तार, 19 लाख कैश, लाखों का हिसाब मिला

Gaurav Sharma
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IPL पर सट्टा खिलाते तीन सटोरिये गिरफ्तार

ग्वालियर,अतुल सक्सेना। पुलिस की कड़ी निगरानी के बावजूद सटोरिये IPL मैचों पर सट्टा लगवा रहे हैं। मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने IPL पर सट्टा खिलाते तीन सटोरियों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से पुलिस ने 19 लाख रुपये कैश, लैपटॉप,मोबाइल और लाखों का हिसाब किताब बरामद किया है।

पुलिस अधीक्षक अमित सांघी ने बताया कि उन्हें मुखबिर से सूचना मिली थी कि हरिशंकरपुरम थाना झांसी रोड के मकान नंबर बी -21 में कुछ लोग मुंबई इंडियंस और राजस्थान रॉयल के बीच मंगलवार को मैच खेले जा रहे IPL मैच में ऑन लाइन सट्टा खिला रहे हैं। सूचना के बाद उन्होंने डीएसपी क्राइम रतनेश तोमर को कार्रवाई के निर्देश दिये। सूचना मिलते ही रतनेश तोमर ने टीआई क्राइम ब्रांच दामोदर गुप्ता के नेतृत्व में टीम बनाकर बी 21 पर दबिश दी तो वहां तीन युवक अपने मोबाइल पर IPL मैच पर ऑनलाइन सट्टा खिला रहे थे। पुलिस ने जब इनसे इनके नाम पूछे तो एक ने अपना नाम रजत अग्रवाल, दूसरे ने मोहित अग्रवाल और तीसरे ने अपना नाम संदीप मित्तल बताया। पूछताछ में उन्होंने स्वीकार किया कि वे लेपटॉप पर ऑन लाइन सट्टा खिला रहे थे।

तलाशी में पुलिस ने रजत अग्रवाल के पास से 6 लाख रुपये और एक मोबाइल फोन सेमसंग एस 8, मोहित अग्रवाल के पास से 4 लाख रुपये और एक लेपटॉप, एक मोबाइल सेमसंग एस 10 एवं एक लाल रंग की डायरी और संदीप मित्तल के कब्जे से 9 लाख रुपये, एक मोबाइल आई फोन एक्स बरामद किया। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और कड़ी पूछताछ कर रही है। पुलिस सट्टा खेलने वालों की भी तलाश कर रही है।

IPL पर सट्टा खिलाते तीन सटोरिये गिरफ्तार, 19 लाख कैश, लाखों का हिसाब मिला IPL पर सट्टा खिलाते तीन सटोरिये गिरफ्तार, 19 लाख कैश, लाखों का हिसाब मिला


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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