शिवराज के इस मंत्री को आखिर क्यों सड़क पर गुजारनी पड़ी रात? पढ़ें पूरी खबर

Atul Saxena
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Energy Minister Pradyuman Singh Tomar spent night on road : मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार के उर्जा मंत्री एवं ग्वालियर जिले की ग्वालियर विधानसभा सीट के विधायक प्रद्युम्न सिंह तोमर अपने क्षेत्र की जनता से बहुत लगाव रखते हैं, वे इस बात का ध्यान रखते हैं उनके क्षेत्र में विकास कार्य लगातार होते रहें, शासन की जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ जनता को मिलता रहे, वे इसके लिए जन समस्या निवारण शिविर भी लगाते हैं लेकिन इस बार उन्होंने कुछ अलग किया, आइये जानते हैं इसके बारे में।

उर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर की कार्यशैली दूसरे मंत्रियों से बिल्कुल अलग है, कभी वे झाड़ू लगाते दिखाई देते हैं तो कभी टॉयलेट साफ़ करते हुए, नालियों में गन्दगी दिखाई देते ही खुद फावड़ा हाथ में लेकर सफाई करने लगते हैं तो कभी सफाई कर्मियों का सम्मान करते दिखाई देते हैं।

 मंत्री जी ने सड़क पर बिताई रात

इस बार मंत्री जी का एक अलग रूप दिखाई दिया, ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र में बन रही सड़क को लेकर मंत्री जी ने चप्पल त्यागी हुई है, प्रद्युम्न सिंह तोमर गुरुवार की शाम सड़क का निरीक्षण करने के लिए निकले, उन्होंने जमीन पर बैठकर उन लोगों से बात की जिन्होंने अपने घर तोड़े, निरीक्षण करते हुए और क्षेत्रीय लोगों से बात करते हुए रात हो गई तो मंत्री ने कहा कि मैं आज किला गेट के पास सड़क पर ही रात गुजारुंगा, मंत्री की मंशा समझते ही तत्काल टेंट, तम्बू, अलाव आदि की व्यवस्था की गई।

अल सुबह कलेक्टर,एसपी, निगम कमिश्नर के साथ किया निरीक्षण

मंत्री जी के सड़क पर रात बिताने की सूचना पर स्थानीय लोग भी वहां पहुंचे, मंत्री जी ने उनके साथ वहां चौपाल लगाईं  और उनकी समस्याएं सुनीं, दिसंबर की सर्दी वाली रात में उर्जा मंत्री एक तम्बू के नीचे सोये, सुबह उन्होंने कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह, नगर निगम कमिश्नर किशोर कन्याल, एसपी अमित सांघी, स्मार्ट सिटी की सीईओ नीतू माथुर सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को वहां बुलाया और उनसे बात की, उनके साथ निरीक्षण किया।

शिवराज के इस मंत्री को आखिर क्यों सड़क पर गुजारनी पड़ी रात? पढ़ें पूरी खबर

24 घंटे काम करने के दिए निर्देश

उर्जा मंत्री ने सड़क निर्माण कार्य में तेजी लाने यानि चौबीस घंटे निरंतर कार्य करने के निर्देश दिए, क्षेत्र की यातायात व्यवस्था को सही करने के लिए वैकल्पिक मार्ग और एकल मार्ग की बात की, उन्होंने ऐतिहासिक ग्वालियर किले के गूजरी महल के आसपास पर्याप्त रौशनी और पर्याप्त सुरक्षा की बात कही।

जिन्होंने अपने मकान -दुकान तोड़ी उन्हें बताया त्यागी, बलिदानी

उन्होंने कहा कि सड़क के चौडीकरण और क्षेत्र के विकास के लिए लोगों ने यहाँ बलिदान किया है त्याग किया है अपने हाथों से अपने घर तोड़े हैं, तो उनको किस भी बात की परेशानी ना हो, इसलिए मैंने यहाँ विकास कार्य में तेजी लाने क्वालिटी वाला काम करने के निर्देश दिए हैं।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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