1857 के युद्ध में अंग्रेजों को धूल चटाने वाले रानी लक्ष्मीबाई के मददगार हथियारों और तोप का दशहरे पर हुआ पूजन

ग्वालियर, अतुल सक्सेना। असत्य पर सत्य की जीत, बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व दशहरा (Dussehra) आज पूरे देश में धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर कई जगह शस्त्र पूजन (Weapon worship on Dussehra) की परंपरा भी निभाई गई।  ग्वालियर में भी शस्त्र पूजन कार्यक्रम आयोजित किया गया। खास बात ये है कि हमेशा की तरह यहां 1857 के युद्ध में प्रयोग हुए शस्त्रों और रानी के साथ युद्ध के दौरान उपयोग की गई तोप का पूजन किया गया।

1857 के युद्ध में अंग्रेजों को धूल चटाने वाले रानी लक्ष्मीबाई के मददगार हथियारों और तोप का दशहरे पर हुआ पूजन


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....