होशंगाबाद, राहुल अग्रवाल। जिला मुख्यालय पर कोरोना (corona) के नाम पर अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा किये गये नये-नये घोटाले सामने आ रहे हैं। कोरोना संक्रमण काल (Corona Transition Period) में स्वास्थ्य विभाग (health Department) के अधिकारियों ने जहां कोविड मरीजों (Covid Patients) के लिए 2 लाख रुपए की किराना खरीदी की।
वहीं 3 लाख रुपए की स्टेशनरी सहित अन्य सामग्री की खरीदी भोपाल के एमपी नगर (mp nagar of bhopal) से किये जाने की जानकारी मिली है। जबकि मरीजों को खाना कैटर्स द्वारा दिया जा रहा है। इधर कोरोना काल में नर्सिंग और सपोर्टिंग स्टाफ की भर्ती के मामले में भी पूर्व सीएमएचओ डॉ सुधीर जैसानी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक दीपक डेहरिया सहित उनके लिपिक का भी इस गड़बड़ी में नाम आ रहा हैं।
कोरोना काल (corona period) में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों (officers of health department) की साठगाठ से ही नियम विरुध लाखों रुपए की खरीदी की गयी हैं। स्वास्थ्य विभाग में हुए लाखों रुपए के घपलेबाजी की फाइले खुलने लगी हैं। इस मामले में पूर्व सीएमएचओ जेसानी का तबादला भी आनन-फानन में भोपाल कर दिया गया है। अब देखना यह है कि इस गड़बड़ी में शामिल किस अधिकारी कर्मचारी पर जांच की आंच आने वाली हैं। दरअसल कोरोना संक्रमण के पॉजिटिव मरीजों के इलाज के लिए पवारखेड़ा और बीटीआई में स्थानों पर कोविड सेंटर बनाएं थे।
इन्हीं दोनों कोविड सेंटर (covid centers) में मरीजों को रखकर इलाज किया गया था। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग ने 2 लाख रुपए का किराना क्यों खरीदा यह समझ से परे हैं। जबकि मरीजों को भोजन ठेकेदार के द्वारा दिया जा रहा था। इसी तरह 3 लाख की स्टेशनरी सहित अन्य सामग्री भोपाल एमपी नगर की किसी दुकान से खरीदी गई है। जिसमें साबुन, बाल्टी, मग, सैनिटाइजर की खरीदारी की गई। अगर किराना और अन्य सामग्री की खरीदी को मिला दिया जाये तो कुल 5 लाख की खरीदी पूर्व सीएमएचओ डॉ सुधीर जैसानी और डीपीएम दीपक डेहरिया ने मिलकर की है। इनके साथ कुछ अन्य कर्मचारी भी शामिल हैं।
डिस्चार्ज मरीजों के भोजन वितरण के बिल भी लगाए
कोविड के संपर्क में आए मरीजों को एक सप्ताह तक सेंटर में रखा जाता था। रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया जाता था । फिर भी उन मरीजों के 14 दिन तक भोजन खाने के बिल लगाएं गये है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से लाखों रुपए के फर्जी बिल लगाएं गये है। जबकि ठेकेदार के द्वारा मरीजों को भोजन देने के नाम पर भी लाखों रुपए का भुगतान किया गया हैं।
सूत्रों ने बताया कि पूर्व सीएमएचओ ने डॉ. अक्षय रघुवंशी के पर्सनल अकाउंट पर 16 लाख रुपए जिला लेखा अधिकारी के द्वारा ट्रांसफर कराये थे। डॉ. रघुवंशी के द्वारा 4 लाख 80 हजार रुपए का भुगतान भोपाल से सामग्री सप्लाई करने वाले ठेकेदार को किया था। उनके द्वारा किये गये भुगतान का हिसाब वह दे चुके हैं। वहीं बचे 11 लाख रुपए पूर्व सीएमएचओ ने अपने पर्सनल अकाउंट में ट्रांसफर करने को कहा था।