रिश्ते हुए शर्मसार, मामा सगी भांजी के साथ 6 महीने से कर रहा था दुष्कर्म, मामला दर्ज

Gaurav Sharma
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होशंगाबाद/इटारसी, राहुल अग्रवाल।  रिश्तो को शर्मसार करने वाली एक मामला सामने आया है, जिसमें एक कलयुगी मामा ने अपनी सगी भांजी को बंधक बनाकर उसके साथ दुष्कर्म किया है। जैसे तैसे मामा के चंगुल से छूटने के बाद पीड़िता ने एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की मदद से थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई। मामले में पुलिस ने आरोपी के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर डायरी आमला थाने को सौंप दी।

क्या है मामला

पूरा मामला आमला थाना क्षेत्र का है, यहां रहने वाली पीड़िता विगत कुछ वर्षों से अपने सगे मामा के साथ रह रही थी। तभी एक दिन मामा ने रिश्तो को शर्मसार कर और मौका पाकर अपनी सगी भांजी के साथ दुष्कर्म किया। यह सिलसिला लगभग 6 माह तक चलता रहा। इसी बीच मामा के चंगुल से छूटकर पीड़िता जैसे तैसे इटारसी में रहने वाले अपने छोटे मामा के पास पहुंची और पूरी घटना से अवगत कराया। जिसके बाद पीड़िता ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के साथ थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई। पीड़िता के बयान के आधार पर पुलिस ने मामले में प्रकरण दर्ज कर लिया है। चूंकि मामला आमला थाना क्षेत्र का था इसलिए पुलिस ने डायरी आमला पुलिस को सौंप दी।

वहीं  इटारसी थाना प्रभारी आरएस चौहान ने बताया कि पूरे मामले पर केस दर्ज कर लिया है, चूकि मामला आमला थाना क्षेत्र है इसलिए डायरी आमला पुलिस को दे दी है। अब आगे की कार्रवाई आमला पुलिस करेगी।

 


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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