होशंगाबाद- आबकारी विभाग ने पकड़ी 50 हजार की अवैध शराब

Gaurav Sharma
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होशंगाबाद/इटारसी, राहुल अग्रवाल। होशंगाबाद (hoshangabad) की इटारसी तहसील के आबकारी बल(Excise force Itarsi) ने अवैध शराब (illegal liquor) कारोबार के खिलाफ कार्रवाई (action) करते हुए 50 लीटर कच्ची शराब और 1000 किलोग्राम महुआ लहान जब्त किया है। आबकारी के दल ने कच्ची शराब बनाने में प्रयुक्त सामान जब्त किया और मौके पर हाथ भट्टियां तोड़ी। जब्त मदिरा एवं अन्य सामग्री की अनुमानित कीमत रु 50,000 रुपए बताई जा रही है। आबकारी उपनिरीक्षक राजेश साहू ने बताया कि जिला आबकारी अधिकारी अभिषेक बिहारी तिवारी के निर्देशन में आज सुबह लगभग 3 घंटे चली कार्यवाही में आबकारी विभाग के उनके नेतृत्व में आबकारी बल द्वारा इटारसी शहर में चिन्हित स्थलों पर दबिश दी गई।

शहर के गरीबी लाइन एवं बालाजी मंदिर क्षेत्र में चढ़ी हुई हाथ भट्टी तोड़ी गई एवं हाथ कच्ची मदिरा बनाने में प्रयुक्त सामान सहित 50 लीटर कच्ची शराब को जब्त किया। सूरज गंज क्षेत्र में बांस डिपो के पास जमीन के अंदर गड़ा कर, छिपाकर रखे गए ड्रमों एवं कुप्पों में भरा हुआ लगभग 1000 KG महुआ लहान लावारिस स्थिति में बरामद कर मौके पर नष्ट किया गया। आज की गयी कार्यवाही में कायम कुल 8 प्रकरणों में आरोपियों के विरुद्ध आबकारी अधिनियम के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किए गये। कार्यवाही में आबकारी उपनिरीक्षक वृत्त इटारसी शहर राजेश साहू, आबकारी मुख्य आरक्षक के के चौरे, आरक्षक मदन सिंह रघुवंशी शामिले थे।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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