होशंगाबाद – बाढ़ प्रभावित नौ हजार से ज्यादा परिवारों को दिया गया 4 करोड़ 69 लाख का मुआवजा

Gaurav Sharma
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होशंगाबाद, राहुल अग्रवाल। होशंगाबाद(hoshangabad)  में 28 और 29 अगस्त को हुई ओलावृष्टि(hailstorm) और बाढ़ (flood) के कारण नगर में प्रभावित 9,872 परिवारों(affected family)  को कुल 4 करोड़ 68 लाख 49 हजार 700 रूपए की आर्थिक सहायता एवं प्रति परिवार 50 किलो खाद्यान्न का वितरण किया गया है। उक्त आर्थिक सहायता आरबीसी 6-4 (Subsidy RBC 6-4) के तहत स्वीकृत की गई है। होशंगाबाद (hoshangabad) नगर तहसीलदार निधि चौकसे ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि होशंगाबाद नगर में अतिवृष्टि और बाढ़ से मकान क्षति एवं खाद्यान्न, कपड़ा, बर्तन क्षति का आंकलन कर आरबीसी 6-4 के तहत प्रभावितों को आर्थिक सहायता स्वीकृत की गई है।

मकान क्षति के लिए 1025 परिवारों को कुल 42 लाख 26 हजार 500 रूपए एवं खाद्यान्न,कपड़ा, बर्तन क्षति के लिए प्रभावित 8847 परिवारों को 4 करोड़ 26 लाख 23 हजार 200 रूपए की आर्थिक सहायता आरबीसी 6-4 के तहत उपलब्ध कराई गई है। इसके साथ ही प्रत्येक प्रभावित परिवार को 50 किलो खाद्यान्न का जिला खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा वितरण किया गया है। होशंगाबाद नगर में बाढ़ एवं अतिवृष्टि से प्रभावित हुए लोगों को राहत राशि वितरण की विधायक डॉ.सीतासरन शर्मा द्वारा सर्किट हाउस में समीक्षा की गई।

इस दौरान पीयूष शर्मा, तहसीलदार शैलेन्द्र बड़ोनिया, तहसीलदार निधि चौकसे, मुख्य नगर पालिका अधिकारी होशंगाबाद माधुरी शर्मा, प्रकाश शिवहरे उपस्थित रहे। तहसीलदार चौकसे ने बताया कि वार्ड 21 फेफरताल में मकान क्षति के लिए 18 परिवारों को 51 हजार 200 रूपए व खाद्यान्न, कपड़ा, बर्तन क्षति के लिए 18 परिवारों को 90 हजार रूपए की आर्थिक मदद उपलब्ध कराई गई है। वार्ड 20 बंगाली कॉलोनी में मकान क्षति से प्रभावित 18 परिवारों को 57 हजार 600 दी गई है।

इसी तरह से बंगाली कालोनी में खाद्यान्न, कपडा व बर्तन क्षति से प्रभावित 619 परिवारों को 30 लाख 96 हजार, संजय नगर वार्ड 33 में खाद्यान्न, कपड़ा व बर्तन क्षति से प्रभावित 1641 परिवारों को 82 लाख 5 हजार रूपए, वार्ड 10 मालाखेड़ी जलालाबाद क्षेत्र के 333 परिवारों को मकान क्षति होने पर 13 ला 12 हजार 800 रूपए की एवं खाद्यान्न, कपड़ा बर्तन क्षति होने पर 751 परिवारों को 35 लाख 30 हजार रूपए दिए गए।

वार्ड 12/13 अंकिता नगर में बाढ़ से खाद्यान्न कपड़ा एवं बर्तन की क्षति होने पर 4 प्रभावित परिवारों को 20 हजार रूपए वार्ड 17 पीलीखंती नारायण नगर के 6 प्रभावितों को मकान क्षति होने पर 20 हजार 900 रूपए एवं खाद्यान्न, कपड़ा एवं बर्तन क्षति से प्रभावित 426 परिवारों को 21 लाख 30 हजार रूपए, वार्ड 31 ग्वालटोली में खाद्यान्न, कपड़ा एवं बर्तन क्षति के लिए प्रभावित 929 परिवारों को कुल 46 लाख 45 हजार रूपए, वार्ड 22 आशुतोष नगर के 26 प्रभावितों को 1 लाख 30 हजार, वार्ड 19 आजमगढ़ के 561 परिवारों को 28 लाख 5 हजार की तथा इसी वार्ड के मकान क्षति से प्रभावित 35 परिवारों को 1 लाख 73 हजार रूपए की आर्थिक सहायता मुहैया कराई गई है।

इसी तरह से कानपुर के प्रभावित 445 परिवारों को खाद्यान्न कपड़ा बर्तन आदि की क्षतिपूर्ति के लिए 8 लाख 84 हजार, वार्ड 26 एवं 27 भीलपुरा वार्ड में मकान क्षति से प्रभावित परिवारों को 47 हजार 200 एवं खाद्यान्न कपड़ा एवं बर्तन क्षति से प्रभावित 585 परिवारों को 8 लाख रूपए, वार्ड 28 में 77 प्रभावितों को 3 लाख 85 हजार, वार्ड 34 ईदगाह में मकान क्षति के लिए 26 परिवारों को 58 हजार एवं खाद्यान्न, कपड़ा, बर्तन क्षति से प्रभावित 156 लोगो को 7 लाख 8c हजार, वार्ड 24 में खाद्यान्न, कपड़ा, बर्तन क्षति से प्रभावित 84 लोगो को 4 लाख 20 हजार, खानपुर के 445 परिवारों को 22 लाख 25 हजार, वार्ड 25 महिमा नगर में 393 प्रभावित परिवारों को खाद्यान्न, कपड़ा एवं बर्तन क्षति के लिए 19 लाख 55 हजार रूपए, आशीर्वाद नगर के 12 प्रभावितों को 60 हजार आदि को आर्थिक सहायता मिली है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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