Hoshangabad- नकली सब इंस्पेक्टर बनकर लाखों की ठगी करने वाला आरोपी गिरफ्तार

Gaurav Sharma
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पुलिस कमिश्नर सिस्टम

होशंगाबाद, राहुल अग्रवाल। आज कल जालसाज ठगी के नए नए रास्ते अपनाते है। फ़ोन पे हो या वाट्सएप पे पूरे भारत मे ऐसे केस रोज आते है। आज होशंगाबाद (hoshangabad) में ऐसा ही एक केस आया जहां खुद को सब इंस्पेक्टर (sub inspector) बताकर पुलिस में नौकरी लगवाने के नाम पर 6 लाख रुपए से अधिक की ठगी करने वाले आरोपी की न्यायालय से जमानत खारिज हो गयी है और उसे जेल भेज दिया गया है।

आरोपी ने पचमढ़ी (pachmari) निवासी एक युवक के पिता से खुद को पुलिस मुख्यालय भोपाल में पदस्थ होने और उनके बेटे को नौकरी लगवाने का झांसा देकर चार लाख रुपए से अधिक ले लिये और बाद में बात करना बंद कर दिया। दबाव देने पर वह पैसे वापस करने की बात करने लगा। युवक के पिता ने पीएचक्यू में शिकायत की। पिपरिया एसडीएम ने जांच की और आरोपी को गिरफ्तार किया गया। उसे कोर्ट में पेश किया, जहां उसके जमानत आवेदन को खारिज कर कोर्ट ने जेल भेज दिया है।

ऐसे ठगे रुपए

सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी, पिपरिया सोहन लाल चौरे ने बताया कि सुनील कुमार काकोडिय़ा पिता फूलसिंह, 24 वर्ष पता नालंदा टोला पचमढ़ी जिला होशंगाबाद का निवासी है। उसके पिता एक शादी की बात करने छिंदवाड़ा में रमेश इवनाती से मिले थे। उसने वहां बताया था कि वह एसआई है और वर्तमान में पीएचक्यू भोपाल में पदस्थ है। जब युवक के पिता ने कहा कि उनके बेटे का भी एक दो महीने में कॉलेज पूर्ण हो जाएगा तो उसने कहा कि उसे भोपाल भेजो, वो उसकी वहां तैयारी कराके पुलिस में नौकरी लगवा देगा। दो महीने बाद कॉलेज खत्म होने पर युवक सुनील रमेश इवनाती के पास रहने भोपाल चला गया।

उसी दौरान पुलिस की वैकेंसी (police vacancies) निकलने वाली थी तो रमेश इवनाती ने सुनील के पिता को कहा कि नौकरी लगवा देगा, तीन लाख रुपए लगेंगे। सुनील के पिता ने रमेश पूरे पैसे दे दिए, इसके बाद और पैसे की मांग की तो लोन लेकर पैसे दिये। इस तरह करीब छह लाख रुपए दे दिये। जब सुनील परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं हुआ तो उसके पिता ने रमेश से बात की। रमेश कहा कि पास तो हो गया है, वायवा और मेडिकल में पैसे लगना बाकी हैं। जब प्रार्थी को पता चला की वायवा तो होता ही नहीं है, तो शक होने लगा और आरोपी ने बात करना बंद कर दिया।

एक दो महीने में पैसे लौटाने की कहकर टालता रहा। सुनील के पिता ने महेश इनवाती के विरूद्ध पुलिस मुख्यालय भोपाल में 6 लाख रुपये की ठगी की लिखित शिकायत की जिसकी जांच पिपरिया एसडीएम ने की। आरोपी रमेश कुमार इनवाती के विरुद्ध धारा 420 भादवि को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जब आरोपी की ओर से जमानत आवेदन प्रस्तुत किया गया तो प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

आरोपी की ओर से जमानत आवेदन प्रस्तुत किया। अभियोजन की ओर से सोहनलाल चौरे, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी पिपरिया ने जमानत आवेदन का विरोध किया। तर्कों से सहमत होकर न्यायालय जेएमएफसी(JMFC) पिपरिया यश कुमार सिंह(Yash kumar singh) ने आरोपी की जमानत को निरस्त कर जेल भेज दिया।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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