जिले के दों बहुचर्चित मामलो में आरोपियों की जमानत निरस्त, न्यायाधीश संजय पांडे ने लिया फैसला

Gaurav Sharma
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होशंगाबाद/इटारसी, राहुल अग्रवाल। न्यास कॉलोनी का बहुचर्चित प्रशांत शाह हत्याकांड में आज जेल में बंद आरोपी तुलसी रैकवार के जमानत आवेदन पत्र को निरस्त कर दिया गया। आज सुनवाई तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश संजय पांडे के न्यायालय में की गई।

शासन की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक इटारसी भूरे सिंह भदोरिया द्वारा उपरोक्त जमानत आवेदन पत्र का विरोध करते हुए तर्क दिया कि इटारसी का ये बहू चर्चित हत्याकांड है। आरोपियों द्वारा राड ,तलवार ,बेसवॉल एवं चाकू से मारपीट कर नरसंहार कर हत्या की गई है। आरोपियों ने एक राय होकर मृतक प्रशांत शाह पर हमला कर हत्या की है। जमानत दी गई तो अपराधियों के हौसले बुलंद हो जाएंगे और समाज में गलत मैसेज जाएगा। जमानत निरस्त की जावे माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी तुलसी रैकवार का जमानत आवेदन पत्र निरस्त कर दिया गया।

इटारसी के कुख्यात सूदखोर की जमानत निरस्त एक अन्य मामले में इटारसी के कुख्यात सूदखोर हरदास अहिरवार निवासी नाला मोहल्ला द्वारा आत्महत्या के लिये प्रेरित करने बाले मामले में धारा 306 ipc में आज आरोपी हरदास की जमानत पर भी सुनवाई की गई। आरोपी हरदास से मृतक वैजनाथ ने कुछ पैसे ब्याज पर उधार लिए थे। आरोपी द्वारा कोरे चेक,रजिस्ट्री,आरोपी की ले रखी थी और ब्लेक मेल करता था, जिससे परेशान होकर मृतक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली, जिसके ज़मानत आवेदन पत्र की सुनवाई भी आज तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश संजय पांडे की न्यायालय में कई गई।

शासन की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक भूरेसिंह भदौरिया ने जमानत का घोर विरोध किया। साथ ही तर्क दिया कि आरोपी इटारसी शहर का कुख्यात सूदखोर है। 20%व्याज बसूली से तंग आकर आत्महत्या करने के लिये मृतक को मजबूर कर दिया और आरोपी की प्रताड़ना के कारण ही आत्महत्या की है। जमानत दी गई तो सूदखोरों के हौसले बुलंद होंगे,समाज मे गलत संदेश जाएगा ज़मानत निरस्त की जावे ,माननिय न्यायालय द्वारा आरोपी की जमानत निरस्त कर दी


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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