खेत के कुएं में गिरे आधा दर्जन से अधिक जंगली सुअर, रेस्क्यू टीम पर किया हमला

Gaurav Sharma
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wild pigs fell in well

होशंगाबाद/इटारसी, राहुल अग्रवाल। होशंगाबाद के इटारसी जिले के धांसई गांव में आज जंगल के सबसे खूंखार माने जाने बाले आधा दर्जन से ज्यादा जंगली सुअर आज एक किसान के खेत मे बने बिना मेढ़ के कुएं में गिर गए। किसान ने ये देखते ही आप पास के लोगों को बुला कर उनसे मदद मांगी। कई घंटे प्रयास करने के बाद भी सुअरों को कुएं से नहीं निकाला जा सका। जिसके बाद किसानों ने इसकी जानकारी वन विभाग को दी।

किसानों की सूचना पर वनविभाग की टीम मौके पर पहुंची। वन विभाग के डीएफओ,एसडीओ सहित रेस्क्यू टीम घटना स्थल पर पहुंची। वनकर्मियों द्वारा लकड़ी की खाट को रस्सियों से बांध के कुए में उतारा गया। काफी मशक्कत के बाद जंगली सूअरों को निकाला गया। वहीं जंगली सुअरों को निकलते समय एक सुअर ने वनकर्मी पर हमला कर दिया।

बता दें कि घना जंगल क्षेत्र होने के कारण अक्सर ग्रामो में जंगली सुअर आजाते है। जंगली जानवर वनविभाग से कई बार ग्रामवासियों ने अनुरोध किया कि रोजाना गस्त करे । जंगली सुअरो का झुण्ड गांव तरफ आना खतरे का संकेत हो सकता है। यह बहुत ही खूंखार होते है, इसके साथ ही कई बार तेंदुआ और भालू,रीछ,लकड़बग्घा भी ग्राम क्षेत्र में आजाते है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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