हैवानियत: दो मासूम बच्चियों के साथ पत्नी को कुंए में फेंका, पत्थर भी मारे, एक बच्ची की मौत

Atul Saxena
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छतरपुर, संजय अवस्थी। जिले के चंदला थाना अंतर्गत एक कलयुगी पिता का हैवानियत भरा चेहरा सामने आया है जहां एक शख्स ने अपनी दो मासूम बच्चियों सहित पत्नी को कुंए में फेंक दिया इतना ही नहीं जब पत्नी अपनी बच्ची और खुद को डूबने से बचाने का प्रयास करने लगी तो शख्स ने उस पर पत्थर भी बरसाए।  महिला मुश्किल ने छोटी बच्ची  जबकि बड़े बच्ची की मौत हो गई। घटना के बाद से आरोपी फरार है।

मामला छतरपुर जिले के चंदला थाना क्षेत्र के पड़ोई गांव के पास का है जहां डढिया गांव का निवासी राजा भैया यादव अपनी पत्नी बिट्टी और दो बच्चियों को अपनी ससुराल पन्ना जिले के लौलास गांव से वापस अपनी बाइक पर ले कर आ रहा था। रास्ते में पत्नी से किसी बात पर भड़क रहा था, गाली गलौज करते हुए उसका दिमाग घूमा और उसने अपनी पत्नी और बच्चियों को पड़ोई गांव के पास सड़क से दूर स्थित एक कुंए में जाकर ढकेल दिया। घटना में जहां 8 वर्षीय मासूम बच्ची की मौत हो गई है वहीं पत्नी के सिर  पर गंभीर चोट आई हैं लेकिन 3 माह की मासूम बच्ची को एक खरोच भी नहीं आई और वह बाल-बाल बच गई।  घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी मौके से फरार हो गया।

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वहीं बिट्टी यादव ने जैसे तैसे अपनी 3 माह की मासूम बच्ची के साथ कुएं से निकाल कर अपनी जान बचाई और उसके बाद एक राहगीर की मदद से चंदला थाने पहुंची जहां घटना की पूरी जानकारी दी। उधर महिला के पिता का कहना है कि उसका दामाद उसकी बच्ची के साथ कई बार मारपीट कर चुका है और अब उसने इस घटना को अंजाम दिया है।

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पुलिस के अनुसार महिला के 3 बच्चियां होने के बाद से उसका पति उसे लगातार प्रताड़ित करता था और उन्हें मार देने की धमकी भी देता था और इसी के चलते उसने इस घटना को अंजाम दिया है।  पुलिस मृतक बच्ची का पीएम करा रही  है वहीं आरोपी राजा भैया यादव के विरुद्ध हत्या और हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर उसकी तलाश प्रारंभ कर दी है घटना के बाद से परिवार में मातम का माहौल है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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