जानकारी के मुताबिक, मध्य प्रदेश में नगर पालिका कॉलोनी विकास नियम लागू है। जिसके मुताबिक दो हेक्टेयर क्षेत्र से ज्यादा कालोनी का क्षेत्र होने पर नगर और ग्राम निवेश संचालनालय अधिकतम तीन चरण में कालोनी विकास की अनुमति दी जा सकती है। कमजोर वर्ग के लोगों के लिए 15 प्रतिशत आवास रखे जाएंगे। ऐसे में कालोनाइजर भूखंड और आवास की जगह आश्रय शुल्क जमा करवा सकेंगे। इसके अलावा ये भी बताया गया है कि अगर 70 प्रतिशत से ज्यादा निम्न आय वर्ग वाले लोग रहते हैं तो विकास शुल्क का 20 प्रतिशत ही कालोनीवासियों से वसूला जाएगा। बची हुई राशि निकाय द्वारा वहन की जाएगी।
जानकारी के अनुसार, अधिकारीयों द्वारा बताया गया है कि भिन्न् श्रेणी की कालोनी को 50 प्रतिशत विकास शुल्क देना होगा। दरअसल, ये राशि काफी ज्यादा है इस वजह से रहवासी अधिक राशि देने के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं। ऐसे में नगरीय निकायों की स्थति भी इतनी ठीक नहीं है कि बिना सरकारी मदद के विकास कार्य पूरा कर सके। ऐसे में नियम जो लागू है उसमें 50 प्रतिशत विकास कार्य पूरा होने पर ही 50 प्रतिशत भवन मुक्त करने का प्रविधान है। साथ ही भवन को वैध करने के लिए मालिक को खुद आवेदन देना होगा। इसके लिए मकान मालिक से विधिवत शुल्क लिया जाएगा। अब इस नियम पर एक बार फिर सरकार ने प्रक्रिया के सरलीकरण और विकास शुल्क में कमी करने को लेकर विचार किया। अब इस पर कैबिनेट में अंतिम फैसला लिया जाएगा।