इंदौर, आकाश धोलपुरे। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर (Indore) में मां अहिल्या (Ahalya) के जयकारों के साथ राजबाड़ा पर सरकारी होली का दहन किया गया। पारम्परिक और सांकेतिक होली रूप से जलाई गई। बीते 300 सालो से चली आ रही परंपरा को कोरोना काल मे जीवंत रखने के लिए शहर के ह्रदय स्थल राजबाड़ा पर होलकर कालीन पारंपरिक सरकारी होली का दहन किया गया। हालांकि इस बार बदलाव ये रहा कि राजबाड़ा के मुख्य द्वार पर होलकर वंशजो द्वारा जलाई जाने वाली होली को मल्हारी मार्तंड मंदिर के सामने प्रतीकात्मक तौर पर होली जलाई गई। वही मुख्य द्वार के सामने प्रतीकात्मक तौरपर कंडो की होली जलाई गई। ताकि सालो से चली आ रही परम्परा न टूटे।
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होलकर कालीन होली का दहन मल्हारी मार्तंड मंदिर पर किया गया। इसके पहले बकायदा परंपरा के अनुसार विधि-विधान से पूजन किया गया। पूजन और दहन के समय इंदौर सांसद शंकर लालवानी (Shankar Lalwani) प्रमुख रूप से मौजूद थे। होलिका दहन के पहले बकायदा फेरे किये गए और फिर होली जलाई गई। इस मौके पर प्रशासन की कोरोना गाइडलाइन (Corona Guideline) और इंदौर कलेक्टर (Indore collector) मनीष सिंह के हालिया आदेश का पालन कर 20 लोग ही मौजूद रहे। पंडित लीलाधर वारकर ने बताया कि प्रशासन के निर्णय को ध्यान में रखते हुए इस बार होलिका दहन सांकेतिक तौर पर मल्हारी मार्तंड मंदिर के सामने किया गया। उन्होंने बताया कि कोरोना नामक महामारी देश दुनिया से दूर हो जाये ये प्रार्थना भी होली के सामने की है।
माँ अहिल्या के जयकारों से गूंजे राजबाड़ा क्षेत्र में होलिका दहन में पहुंचे सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि विषम परिस्थितियों के बावजूद 300 साल पुरानी परंपरा को आज भी कायम रखा गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन के निर्देशों का पालन कर यहां होलिका दहन किया गया। वही उन्होंने कहा हमने सबने मिलकर प्रार्थना की है कि कोरोना महामारी से निजात मिले।
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