Indore Mayor Election : माँ के सपने की खातिर सरकारी नौकरी छोड़ चुनावी मैदान में उतरा इंजीनियर

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इंदौर, आकाश धौलपूरे। Indore Mayor Election वैसे तो प्रदेश की 16 निगमों में तमाम मेयर प्रत्याशी अपनी किस्मत चुनावी मैदान में आजमा रहे है लेकिन इंदौर के 19 मेयर प्रत्याशियों में से एक मेयर प्रत्याशी ने इन दिनों सबका ध्यान अपनी ओर खींच रखा है। दरअसल, कांग्रेस और बीजेपी के महापौर प्रत्याशियों के अलावा इंदौर 17 निर्दलीय प्रत्याशी मेयर पद के लिये चुनावी मैदान में है और उन्हीं में से एक है जनपद शिक्षा शहरी केंद्र -1 में पदस्थ सब इंजीनियर महेंद्र मकासरे है। जिन्होंने अपनी माँ के जनसेवा के सपने को पूरा करने के लिए अपनी सरकारी नौकरी से इस्तीफा दे दिया और अब वो चुनावी मैदान में महापौर पद के प्रत्याशी है।

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बता दे कि महेंद्र मकासरे का जीवन बचपन से ही बेहद गुरबत में गुजरा है। माँ जहां झाड़ू पोछा करती थी, वहीं दूसरी ओर महेंद्र मकासरे पिता मंशाराम के साथ मजदूरी कर पढ़ाई करते थे। वहीं लोगो की मदद से उन्हें पढ़ने के लिए किताबें सहित अन्य शैक्षणिक सामग्री मिलती थी। लोगो की मदद और परिवार की मेहनत से आखिर में महेंद्र मकासरे इंजीनियर बन गए और डेढ़ साल पहले उन्हें स्कूली शिक्षा विभाग में सब इंजीनियर के पद पर पोस्टिंग मिली। इस दौरान महेंद्र ने अपनी जिम्मेदारी से परे जाकर नगर निगम के करीब 25 स्कूलों के जर्जर भवनों का कायापलट करने में अहम भूमिका निभाई।

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महेंद्र ने छत्रीबाग स्कूल पर से सालों से कब्जा जमाए बैठे एक शख्स से मुक्त कराया है। इसी तरह मुकेरीपुरा के जर्जर निजी स्कूल को अन्यत्र शिफ्ट कराया, ताकि बच्चों के जीवन पर संकट नहीं आए। मकासरे ने स्कूल-स्कूल घूमकर भवनों का सर्वे किया और रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपी। उनकी रिपोर्ट पर निगम ने काम करना शुरू किया। जिसके चलते आज जर्जर स्कूल भवनों से बच्चों को शिफ्ट कर दिया गया। दर्जनभर से अधिक नए भवन बन गये है।

इसलिए लड़ रहे चुनाव

निगम चुनाव में महापौर पद के निर्दलीय उम्मीदवार महेंद्र मकासरे ने बताया कि शासकीय सेवा के दौरान उन्होंने हमेशा पूरी निष्ठा और ईमानदार छवि से काम किया है। लेकिन माँ का सपना है कि इसी ईमानदार छवि के साथ मैं जन सेवा का काम करूँ। जिसके लिए मैंने अपने शासकीय पद को त्याग कर जनसेवा के लिए चुनाव में अपनी दावेदारी पेश की है ताकि चुनाव जीत कर सभी शहरवासियों कि सेवा कर संकू।

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जनता को मिलेगी ये सुविधाएं

Indore Mayor Election : माँ के सपने की खातिर सरकारी नौकरी छोड़ चुनावी मैदान में उतरा इंजीनियर

महेंद्र ने अपने घोषणा पत्र में कालेज स्टूडेन्ट को सीटी बस यात्रा फ्री, एक माह मे शिविर लगाकर बुर्जुग, विकंलाग, विधवा पेंशन चालू करवाने, हर घर नल मे पानी, पक्की सड़के, वर्षो पुराने पानी के बकाया बिल आधे माफ कराने सहित
कचरे और पानी पर शुल्क नही बढ़ाने और महापौर रसोई योजना से 1 रुपये मे खाना वितरण कराने की प्रतिज्ञा ली है।
हालांकि, महेंद्र को 28 हजार रुपये प्रतिमाह की सरकारी नौकरी छोड़ने का मलाल नही है क्योंकि जिसने जन्म दिया है उस माँ के सपनों को साकार करना है।

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वही महेंद्र की माँ सुशीला मकासरे का कहना है कि उन्होंने लोगो के घर झाडू पोछा लगाकर अपने बच्चो को पढ़ाया। बच्चे ने अपनी मेहनत से सरकारी इंजीनियर की नौकरी की और पूरी ईमानदारी के साथ अपना काम किया। लेकिन अब मेरे कहने पर उसने सरकारी नौकरी को त्याग कर जन सेवा के लिए चुनावी मैदान में उतरने का निर्णय लिया। वही उन्होंने कहा लड़ाई में जीत हार तो होती ही है। जैसे क्रिकेट के खेल में 12 देशो कि टीम खेलती है लेकिन जीत किसी एक कि होती है।

वैसे ही ऊपर वाले कि आशीर्वाद से उनका बेटा चुनाव जीतेगा और यदि चुनाव में हार भी होती है तो भी जन सेवा का कार्य करता रहेगा। हालांकि, ये बात तो तय है कि निगम चुनाव में बड़े दलों के धनाढ्य प्रत्याशी मैदान में ऐसे में मकासरे की जीत तो तय नही मानी जा रही है लेकिन उनके द्वारा नौकरी त्यागने के बाद उनके जनसेवा के जज्बे को हर कोई सलाम कर रहा है। वही महेंद्र भी बेफिक्र होकर अपने गृहक्षेत्र द्वारकापुरी से लेकर शहर भर में प्रचार कर रहे है।


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Ram Govind Kabiriya

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