Indore : रूमेटोलाजिस्ट एसोसिएशन की 37वीं वार्षिक कांफ्रेंस आयराकान 2022 का आयोजन इंदौर में किया गया है। इस कॉन्फ्रेंस को सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट के डा. नैवेद्यो चट्टोपाध्याय के साथ अन्य कई बड़े विशेषज्ञों द्वारा संबोधित किया गया है। बीते दिन यानी शनिवार को इसमें करीब 450 शोधपत्र प्रस्तुत किए गए। जिनमें से 12 चुने गए शोधपत्रों पर चर्चा की गई। इसमें एक बात पर विशेष ध्यान दिया गया कि इन दिनों महिलाओं में और पुरुषों में काफी कमजोरी देखने को मिल रही है।
सबसे ज्यादा महिलाओं में विटामिन डी और कैल्शियम की कमी और आस्टियोपोरोसिस की बीमारी का शिकार हो गई है। जिससे उनकी हड्डियां चाक की तरह नाजुक हो जाती है। साथ ही मांसपेशियां भी कमजोर होने लग जाती है। जिसकी वजह से महिलाओं में मल्टीपल फ्रैक्चर होने की संभावना ज्यादा रहती है। इसको ठीक करने के लिए हर महीने एक इंजेक्शन लगवाना पड़ता है। जिसकी कीमत करीब 7 हजार रुपए होती है। ऐसे में हर दिन 233 रुपए लगते हैं।
इसको लेकर जब एक शोध किया गया तो ये बात सामने आई कि इसको ठीक करने के लिए जिस इंजेक्शन का इस्तेमाल किया जाता है उसमें जो ड्रग का इस्तेमाल होता है वो एक गोली के रूप में भी लिया जा सकता है। इंजेक्शन को महीने में एक बार लगाना होता है लेकिन ये जो गोली है उसे हर दिन लेना होता है। इस गोली की कमर सिर्फ दो रुपए होती है। ऐसे में महीने में 60 रुपए का ही खर्च करना होगा। ये बात सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट के डा. नैवेद्यो चट्टोपाध्याय द्वारा बताई गई है। ये बात उन्होंने गठिया रोग विशेषज्ञों (रूमेटोलाजिस्टों) की 37वीं वार्षिक कांफ्रेंस आयराकान-2022 में कही है। हालांकि अभी तो इस दवाई का ट्रायल दिल्ली में चल रहा है। ये सफल रही तो आम लोगों के लिए भी उपलब्ध करवाई जाएगी।
डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।