जस्टिस फ़ॉर SSR में इंदौर की युवती ने किया अहम सबूत होने का दावा

sushant singh rajput

इंदौर, आकाश धोलपुरे। हाल ही में फ़िल्म स्टार सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले में मिनी मुंबई याने इंदौर का नाम सामने आया है। जिसके बाद से दिल्ली और मुंबई में भी हड़कंप मचा हुआ है। दरअसल, इंदौर की एक युवती ने इंदौर पुलिस को सम्पर्क कर ये कहा था कि वो सुशांत की अच्छी फ्रेंड रही है और उसने सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में फेसबुक पर कैम्पेन भी चला रखा था। युवती ने ये भी दावा किया है कि सुशांत मामले में कई गहरे राज और सबूत भी उसके पास है। लिहाजा, उसने खुद की सुरक्षा की मांग इंदौर पुलिस से की थी और अब युवती ने फेसबुक अकाउंट हैक मामले में राज्य सायबर सेल की इंदोर इकाई में शिकायत की है।

राज्य सायबर सेल के मुताबिक 1 अक्टूबर को शहर के एरोड्रम क्षेत्र में रहने वाली एक युवती ने राज्य सायबर सेल इंदौर झोनल ऑफिस में शिकायत की थी फेसबुक पर वो एक कैम्पेन चला रही थी। वही युवती ने सायबर सेल को दिए गए आवेदन में इस बात का भी जिक्र किया है कि वो सुशांत राजपूत की अच्छी फ्रेंड थी। युवती ने शिकायत की है कि देवोलीना चक्रवर्ती नामक एक युवती से उसकी फेसबुक के जरिये दोस्ती हुई थी और किन्ही कारणों से इंदौर में रहने वाली युवती ने देवोलीना को ब्लॉक कर दिया था। मुंबई और इंदौर में रहने वाली युवती का आरोप है कि देवोलीना ने ऑनलाइन होकर अनर्गल बाते की है। इसके बाद आरोप लगाने वाली युवती को शक है कि देवोलीना ने उसका अकाउंट हैक कर लिया है। अब इस शिकायत के बाद सायबर सेल इंदौर ने जांच शुरू कर दी है और सायबर पुलिस ने पूरे मामले में फेसबुक मुख्यालय से लीगल रिक्वेस्ट भेजकर पूरी जानकारी मांगी है।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।