इंदौर, डेस्क रिपोर्ट। शुक्रवार को जमकर होली खेलने के बाद अब लोगो को बेसब्री से रंगपंचमी का इंतज़ार है, दरअसल होली के पांचवें दिन बड़े धूम धाम से रंगपंचमी का त्यौहार मनाया जाता है, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माना जाता है कि रंगपंचमी के दिन भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी के साथ होली खेली थी और इसीलिए इस खास दिन लोग भगवान श्रीकृष्ण और राधा को रंग अर्पित कर होली के रंग उड़ाते है।
चैत्र कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से शुरू हुआ होली का यह त्योहार कृष्ण पक्ष की पंचमी तक मनाया जाता है, पचंमी तिथि के पड़ने के कारण इसे रंगपंचमी कहा जाता है। इस साल 17 मार्च को होलिका दहन के बाद 18 मार्च यानि आज शुक्रवार को होली खेली गई वहीं होली के पांचवें दिन चैत्र कृष्ण पंचमी यानि 22 मार्च को को बड़े ही धूम-धाम से रंगपंचमी का पर्व मनाया जाएगा। एक बार फिर जमकर रंगों में सराबोर लोगों नजर आएगे।
पूरे देश में मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान में रंगपंचमी जोर शोर से मनाई जाती है। प्रदेश के मालवा और भोपाल सहित आस पास के इलाकों में होली पर तो रंग नज़र आते ही है लेकिन रंगपंचमी पर चारो तरफ रंगों से सराबोर माहौल नज़र आता है। हुरियारों का जुलूस जिसे गेर कहा जाता है, इंदौर में रंगपंचमी के दिन निकलता है, इंदौर की पहचान बन चुकी गेर की प्रसिद्धि इसी बात से लगाई जा सकती है, कि रंगपंचमी के कई दिन पहले से ही इंदौर प्रशासन और पुलिस इसकी तैयारियों में जुट जाती है। गेर में शामिल होने वालों संख्या हजारों को पार कर जाती है, मान्यता है कि रंगपंचमी के दिन रंग-गुलाल उड़ाने से सात्विक गुणों में अभिवृद्धि होती, इसके अलावा नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है. रंगपंचमी के दिन कई जगह लोग शरीर में रंग ना लगाकर हवा में रंग उड़ाते हैं। यही कारण है कि रंगपंचमी के दिन हर तरफ अलग अलग रंग उड़ते नजर आते है।
वही इस बार करीबन दो साल बाद इंदौर में ऐतिहासिक गेर निकलेगी जिसमें रिकॉर्ड 5 लाख से ज्यादा लोग शामिल होंगे, इस दौरान किसी तरह की गड़बड़ी न हो इसे रोकने के लिए चल समारोह वाले पूरे रास्ते की निगरानी 30 ड्रोन कैमरे करेंगे, इसके साथ 200 से ज्यादा सीसीटीवी और 30 वीडियों कैमरे लगाए जा रहे है, वही 3 हजार से ज्यादा पुलिस जवान चप्पे चप्पे पर तैनात रहेंगे, इंदौर के लोगों में गेर को लेकर बड़ा उत्साह है, कोरोना संक्रमण के चलते दो साल बाद रंगपंचमी मनाई जा रही है।