Anant Chaturdashi : मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में अनंत चतुर्दशी के दिन यानी गणेश विसर्जन के साथ ही चल समारोह निकाला जाता है, जिसे देखने के लिए लाखों लोग इंदौर आते हैं। यह चल समारोह कई सालों से चलाया जा रहा है। इस साल अनंत चतुर्दशी के दिन निकलने वाले चल समारोह की तैयारी शुरू कर दी गई है। सभी मिलो में झांकियां बनाना भी शुरू की जा चुकी है।
ऐसे शुरू हुआ Anant Chaturdashi पर निकलने वाली झांकियों का कारवा
आपको बता दे, इंदौर में करीब 100 साल पहले हुकुमचंद मिल धारा शुरू की गई अनंत चतुर्दशी के दिन इस एक झांकी से शुरू हुए इस आयोजन को अब देश भर में पहचान मिल चुकी है। यह आयोजन इंदौर का सबसे बड़ा माना जाता है। कहा जाता है कि हुकुमचंद मिल मजदूरों द्वारा गाड़ी बल पर इसकी शुरुआत की गई थी। एक झांकी के बाद हर साल दूसरे मिल भी इसमें सहभागी बनते गए और धीरे-धीरे झांकियां का स्वरूप ही बदल गया। 1970 से 1980 के दशक तक झांकियां का ऐसा कारवा बना कि इस देश ही नहीं दुनिया भर में पहचान मिली।
इस साल भी शुरू हुआ झाकियां बनाने का कार्य
जानकारी के मुताबिक, पिछले तीन दशकों से सभी मिल का काम बंद है लेकिन उसके बाद भी मजदूरों द्वारा झिलमिलाती झांकियां बनाई जाती ही। इस साल भी मिलो में झांकियां का निर्माण शुरू कर दिया गया है। यह निर्माण हुकुमचंद मिल में विधि विधान से की गई पूजन पाठ के बाद शुरू हुआ। वहीं कहा जा रहा है कि कल से होप मिल में भी झांकी बनाना शुरू कर दी जाएगी। इसके बाद अन्य मिलो में भी जल्द ही झांकी बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा।
इनके सहयोग से परंपरा है जीवित
झाकियों की परंपरा को बरकरार रखने के लिए पिछले कई वर्षों से इंदौर विकास प्राधिकरण और नगर निगम द्वारा आर्थिक सहयोग दिया जा रहा है। दोनों संस्थाओं द्वारा झांकियां के लिए प्रत्येक मेल को दो-दो लाख रुपए दिए जाएंगे। पिछ्ले कई वर्षो से अनंत चतुर्दशी चल समारोह के लिए खजाना गणेश मंदिर समिति, इंदौर विकास प्राधिकरण और नगर निगम द्वारा भी प्रतिवर्ष झांकिया बनाई जा रही है।
इंदौर से मंगल राजपूत की रिपोर्ट