Thu, Dec 25, 2025

Indore News : जीएसटी विभाग की बड़ी कार्रवाई, रेडीमेड कारोबार में मचा हड़कम्प

Written by:Gaurav Sharma
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Indore News : जीएसटी विभाग की बड़ी कार्रवाई, रेडीमेड कारोबार में मचा हड़कम्प

इंदौर, आकाश धोलपुरे । मध्यप्रदेश के रेडीमेड गारमेंट्स कारोबार के हब इंदौर में शुक्रवार रात को जीएसटी डिपार्टमेंट द्वारा छापेमारी की गई। दो बड़े कारोबारियो पर पड़े छापों से न सिर्फ इंदौर मध्यप्रदेश में बल्कि देश की राजधानी दिल्ली, बेल्लारी और लुधियाना जैसे शहरों में हड़कंप मच गया है। दरअसल, शहर के नही बल्कि देश के दो बड़े रेडीमेड गारमेंट्स कारोबारी GH एंड कंपनी और सनराइज एंड कंपनी पर जीएसटी की छापे कार्रवाई की गई है। बता दे कि देश के रेडीमेड कारोबार में दोनों ही कंपनियों की करीब 80 फीसदी हिस्सेदारी बताई जा रही है वो इसलिए क्योंकि दोनों ही कंपनी डायरेक्ट फैक्ट्री से माल लेकर सीधे आउटलेट्स तक पहुंचाती थी। बता दे कि GH ग्रुप के देशभर में करीब 16 ब्रांच ऑफिस है। शुक्रवार रात को GH ग्रुप के तिलक पथ और सनराइज एंड कम्पनी के राजबाड़ा स्थित संस्थान पर जीएसटी विभाग द्वारा कार्रवाई की गई है।

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दरअसल, जीएसटी के छापे के पीछे की सीधी वजह बस यही सामने आ रही है कि इंदौर के रेडीमेड कारोबारियों द्वारा जीएसटी की दरों में होने वाली वृद्धि का विरोध किया जा रहा है। पिछले एक माह के दौरान इंदौर के रेडीमेड व्यापार जगत द्वारा जनप्रतिनिधियों से संवाद किया जा रहा है और केंद्र सरकार के नाम पर ज्ञापन भी सौंपे गए है। ऐसे में विरोध के स्वर इंदौर से उठते देख माना ये जा रहा है कि सरकार रेडीमेड कारोबारियों को कड़ा संदेश देना चाहती है।

 

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हालांकि, ये बात अलग है कि रेडीमेड कारोबारी अब नए प्रयास शुरू करने की जुगत में लग गए है। दरअसल, अब तक रेडीमेड गारमेंट्स पर जीएसटी की दर 5 प्रतिशत लग रही है, लेकिन 1 जनवरी 2022 को इस दर को बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया जाएगा जिसका खुलकर विरोध इंदौर में हो रहा है।

हालांकि, इसके पहले साल 2008 में तत्कालीन यूपीए सरकार द्वारा रेडीमेड गारमेंट्स पर एक्साइज ड्यूटी लगाने की घोषणा की गई थी, तब भी इंदौर के गारमेंट्स जगत से उठी आवाज के आगे सरकार को झुकना पड़ा था। उस समय करीब 87 दिन रेडीमेड कपड़ा व्यापारियों ने इंदौर की सड़कों पर उतरकर विरोध जताया था और शहर के राजबाड़ा में तो 1 रुपये में कपड़े बेचकर विरोध जताया गया था। इतना ही नही व्यापारियों ने सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए सब्जी के ठेले तक लगा लिए थे और कहा था कि अब उन्हें कपड़े छोड़कर सब्जी बेचना शुरू करना ही मुनासिब होगा। लंबे संघर्ष के बाद आखिरकार उस समय मनमोहन सरकार को झुकना पड़ा था और एक्साइज ड्यूटी हटा ली गई थी।

 

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वही साल 2021 में हालात बदले जरूर है लेकिन व्यापार जगत में माना जा रहा है कि केंद्र की मोदी सरकार को अंदेशा है इंदौर से उठी आवाज मुश्किलें खड़ी कर सकती है लिहाजा, जीएसटी की कार्रवाई को इसका परिणाम माना जा रहा है।फिलहाल, आगे रेडीमेड गारमेंट्स से जुड़े संगठनों का अगला कदम क्या होगा ये देखना दिलचस्प होगा क्योंकि जीएसटी छापों से भले ही हड़कंप मच गया हो लेकिन ये बात भी भूली नही जा सकती कि इंदौर का व्यापार जगत कई मामलों में देश में नजीर पेश कर चुका है फिर बाद जीएसटी दर की वृद्धि की ही क्यों न हो ?