Sunday Special: हिंदू धर्म में रविवार का दिन भगवान सूर्य देव को समर्पित होता है। सूर्य देव को ग्रहों का राजा माना जाता है। जिस भी व्यक्ति पर भगवान सूर्य देव की कृपा होती है उसके घर में हमेशा सुख और समृद्धि रहती है साथ ही साथ जीवन में सफलताएं मिलती हैं। अगर आप भी चाहते हैं कि आप पर हमेशा भगवान सूर्य देव की कृपा बनी रहे तो प्रतीक रविवार के दिन आपको विधि विधान से भगवान सूर्य देव की पूजा अर्चना करनी चाहिए साथ ही साथ आरती भी करनी चाहिए। भगवान सूर्य देव की पूजा अर्चना और आरती करने से घर में खुशियां आती है, इसी के साथ चले जानते हैं कि भगवान सूर्य देव की पूजा और आरती कैसे करें।
कैसे करें सूर्यदेव की पूजा
1. सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
2. पूजा स्थान को स्वच्छ करें और एक चौकी या आसन बिछाएं।
3. चौकी पर तांबे का लोटा रखें और उसमें जल भरें।
4. लोटे में लाल फूल, अक्षत, कुमकुम डालें।
5. दीपक जलाएं और धूप जलाएं।
6. पंचामृत से भगवान सूर्यदेव को अर्घ्य दें।
7. सूर्यदेव के मन्त्रों का जाप करें।
8. सूर्यदेव को अघ्र्य, पुष्प, नैवेद्य और दक्षिणा अर्पित करें।
9. भगवान सूर्यदेव से अपनी मनोकामना प्रार्थना करें।
10. आरती गाएं।
11. प्रसाद वितरित करें।
कैसे करें सूर्य देव की आरती
।। भगवान सूर्य की आरती ।।
ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।
जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।
धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।
सारथी अरुण हैं प्रभु तुम, श्वेत कमलधारी। तुम चार भुजाधारी।।
अश्व हैं सात तुम्हारे, कोटि किरण पसारे। तुम हो देव महान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।
ऊषाकाल में जब तुम, उदयाचल आते। सब तब दर्शन पाते।।
फैलाते उजियारा, जागता तब जग सारा। करे सब तब गुणगान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।
संध्या में भुवनेश्वर अस्ताचल जाते। गोधन तब घर आते।।
गोधूलि बेला में, हर घर हर आंगन में। हो तव महिमा गान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।
देव-दनुज नर-नारी, ऋषि-मुनिवर भजते। आदित्य हृदय जपते।।
स्तोत्र ये मंगलकारी, इसकी है रचना न्यारी। दे नव जीवनदान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।
तुम हो त्रिकाल रचयिता, तुम जग के आधार। महिमा तब अपरम्पार।।
प्राणों का सिंचन करके भक्तों को अपने देते। बल, बुद्धि और ज्ञान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।
भूचर जलचर खेचर, सबके हों प्राण तुम्हीं। सब जीवों के प्राण तुम्हीं।।
वेद-पुराण बखाने, धर्म सभी तुम्हें माने। तुम ही सर्वशक्तिमान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।
पूजन करतीं दिशाएं, पूजे दश दिक्पाल। तुम भुवनों के प्रतिपाल।।
ऋतुएं तुम्हारी दासी, तुम शाश्वत अविनाशी। शुभकारी अंशुमान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।
ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।
जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।स्वरूपा।।
धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।
(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)