इंदौर| नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर देश भर में मचे बवाल के बीच भाजपा की मुश्किलें बढ़ती जा रही है| प्रदेश में सैंकड़ों अल्पसंख्यक पदाधिकारी कार्यकर्ता अब तक इस्तीफा दे चुके हैं| इनमे स्थानीय स्तर के कई बड़े नेता भी शामिल है| अब इंदौर में सीएए के विरोध में भाजपा के 50 से ज्यादा मुस्लिम कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने गुरुवार को पार्टी से सामूहिक इस्तीफा दे दिया।
इन कार्यकर्ताओं ने सामूहिक रूप से इस्तीफा देकर सीएए का विरोध किया है| भाजपा से इस्तीफा देने वालों में इंदौर के साथ महू, देवास और खरगोन के भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के पदाधिकारी शामिल हैं। पार्टी से इस्तीफा देने वालों में राजिक फर्शीवाला भी शामिल हैं जो भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के खास समर्थक माने जाते रहे हैं। इसके अलावा देवास की इटावा से पार्षद शबाना रईस खान, खरगोन अल्पसंख्यक मोर्चा के जिलाध्यक्ष तस्लीम खान, अल्पसंख्यक मोर्चा मप्र की सदस्य सईदा खान, अल्पसंख्यक मोर्चा मप्र के मीडिया प्रभारी आरिक शेख, रेहान चौधरी, अल्संख्यक मोर्चा के नगर महामंत्री वसीम खान आदि शामिल है। प्रदेश भर में अब तक सैंकड़ों कार्यकर्ता पार्टी छोड़ चुके हैं| निकाय चुनाव से पहले इन इस्तीफों का नुक्सान पार्टी को भुगतना पड़ सकता है|
इस्तीफ़ा देने वालो का का कहना है कि भाजपा अब सबकी पार्टी नहीं रही। यहां सबके लिए इंसाफ नहीं है। जिस कानून की जरूरत नहीं थी, उसे खड़ा कर दिया गया। इसी के विरोध में पार्टी छोड़ी जा रही है। इनका कहना है कि वे इसलिए भाजपा में नहीं आए थे कि वे अपनी बिरादरी, समाज से दूर हो जाएं। कार्यकर्ताओं ने मीडिया से से कहा इस देश में हिंदू-मुस्लिम मुद्दों का अंत होना चाहिए, लेकिन एक के बाद एक मुद्दे सामने आते जा रहे हैं जिसके चलते अर्थव्यवस्था और रोजगार जैसे मुद्दों पर चर्चा ही नहीं हो रही है।