इंदौर, आकाश धोलपुरे। पिछले शुक्रवार को मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर (Indore ) से सिहरा देने वाली तस्वीरें सामने आई थी और इंदौर नगर निगम (Indore Municipal Corporation) के आला अधिकारियों के निर्देश पर निगमकर्मियों द्वारा शहर से बेसहारा बुजुर्गों को निगम सीमा से बाहर छोड़कर आने का नाकाम प्रयास सामने आया था।
दरअसल, निगमकर्मियों ने वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर शहर के शिवाजी वाटिका क्षेत्र सहित अन्य स्थानों पर फुटपाथों पर रह रहे लाचार बुजुर्गों को जानवरों की तरह निगम के डंपर में ठूंसकर क्षिप्रा देवास बायपास पर शहर निकाले के इरादे से ले जाया गया था। जिस पर स्थानीय ग्रामीणों ने आपत्ति ली थी और घटना का वीडियो बनाकर वायरल (Video Viral) कर दिया था। इसी के बाद हरकत में आये निगम प्रशासन ने दो कर्मचारियों की छुट्टी कर दी थी वही उपायुक्त प्रताप सोलंकी को निलंबित (suspended) कर दिया था। लेकिन इस पूरे मामले में अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे और उन पर कार्रवाई के लिए इंदौर में कांग्रेस विरोध करना शुरू किया।
इसी के चलते आज मध्यप्रदेश कांग्रेस के सचिव विवेक खंडेलवाल और शहर कांग्रेस के प्रवक्ता विवेक खंडेलवाल ने मानव अधिकार आयोग नई दिल्ली को एक शिकायती पत्र भेजा है। जिसमे घटना का उल्लेख कर निगम की अमनावीयता का खुलासा करने के लिए दस्तावेज भी भेजे है। राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (National Human Rights Commission) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रफुलचंद पंत को लिखे गए पत्र में घटना में मानव अधिकारों के उल्लंघन का जिक्र कर दोषी वरिष्ठ अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
बता दे कि इससे पहले सोमवार को मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग (Madhya Pradesh Human Rights Commission ) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति नरेन्द्र कुमार जैन ने मानव अधिकार हनन (Human rights violation) से जुड़े मामले पर संज्ञान लेकर संबंधितों से प्रतिवेदन मांगा है। इस मामले में आयोग ने संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव म.प्र. शासन (Chief Secretary M.P. Governance), संभागायुक्त इन्दौर, कलेक्टर इन्दौर (Collector Indore) और नगर निगम आयुक्त इन्दौर से दो सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है।
गौरतलब है कि दिल दहला देने वाली इस घटना के सामने आने के बाद इंदौर की किरकिरी देश ही नही बल्कि पूरी दुनिया मे हो रही है और अब सवाल ये भी उठ रहे है कि इंदौर को स्वच्छता में नम्बर 1 लाने के लिए इस तरह से बुजुर्गों की सफाई करवाई जाती है और क्या निगम की नजरों में नम्बर 1 का ताज बुजुर्गों की सेवा से भी बढ़कर है।
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Pooja Khodani
खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते।
"कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ।
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मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ।
इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।।
दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ।
झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।"
(पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)