Indore News: मध्य प्रदेश के इंदौर जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां कलेक्टर कार्यालय में एएनएम और संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने कलेक्टर के प्रतिनिधि को मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के नाम ज्ञापन सौंपा। इस दौरान सरकार पर आरोप लगाते हुए अपनी मांगों को लिखित रूप में दिया।
प्रशासन की नीतियों का कर्मचारियों को नहीं मिला लाभ
इस दौरान जिला संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ की जिला अध्यक्ष नीतू केलदे ने मीडिया से बात करते हुए मध्य प्रदेश शासन की बीते सालों में बनाई गई नीतियों की जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने कहा कि संविदा स्वास्थ कर्मचारी और अधिकारी संविदा में 20-25 सालों से कार्यरत हैं। बीते 12 सालों से शासन प्रशासन से आवदेन, निवेदन, धरना प्रदर्शन ओर कई हड़ताले की फिर भी संविदा स्वास्थ कर्मचारी आज तक पीड़ित ही हैं। सामान्य प्रशासन द्वारा 2013, 2018 और 2023 में संविदा नीति बनाई गई, जिसका लाभ संविदा स्वास्थ को नहीं हुआ। वहीं समय-समय पर शासन की तरफ से नियमित पदों के लिए नियुक्तियां आ रही हैं, उसमे भी शासन का लाभ हमें नही दिया जा रहा है।
परीक्षा में सफल होने के बाद भी शासन कर रहा उन्हें अपात्र
आज ग्रुप 5 में हमारी एएनएम बहनें अपनी काबिलियत पर परीक्षा में सफल होने के बाद भी उन्हें शासन के अनुसार अपात्र कर दिया जा रहा है। जबकि ये वही हमारी एएनएम बहनें हैं, जो संविदा में रहते हुए सालो से अपनी सेवाएं दे रही है। हम शासन की इस कूट नीति का विरोध करते है। इसके अलावा नीतू केलदे ने ये भी कहा कि जो सालों से सविंदा में हमारी बहने काम कर रही है उन्हें संविलयन किया जाए। आपको बता दें एनएनएम कर्मचारियों की संख्या पूरे मध्यप्रदेश में 15 हजार है।
इंदौर से शकील अंसारी की रिपोर्ट