स्पेशल डेस्क रिपोर्ट/इंदौर। राजनीति कितनी हाईटेक हो चली है इसका डिजिटल सबूत इंदौर में देखने को मिला जब अपने अनूठे अंदाज में राजनीति करने वाले प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने एक तीर से दो निशाने एक साथ साधे। आपने ये तो देखा ही होगा कैसे एक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये भोपाल से ही समूचे प्रदेश के अफसरों को समय – समय पर दिशा निर्देश दिए जाते है। हालांकि इस मामले में प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री का अंदाज कुछ जुदा ही देखने को मिला।
दरअसल, इंदौर में मंत्री पटवारी के विधानसभा क्षेत्र में एक आयोजन हुआ जिसमें वार्ड 81 की महिलाओं को निःशुल्क वाहन लायसेंस वितरित किये जाने थे इसके आयोजन के कर्ता धर्ता मोनू जैन पटवारी के कट्टर समर्थक माने जाते है। रविवार को हुए इस आयोजन में मंत्री पटवारी के आतिथ्य में लायसेंस वितरण किया जाना था वही कार्यक्रम के जरिये यातयात विभाग के आला अधिकारियों द्वारा आम लोगो को यातयात से जुड़े नियम भी बताए गये। इंदौर के चाणक्यपुरी चौराहे के समीप हुये आयोजन में मंत्री को पहुंचना था लेकिन अचानक सीएम कमलनाथ के एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मंत्री पटवारी को सागर जाना पड़ा। ऐसे में सवाल ये उठा कि जब मंत्रीजी ही नही आएंगे तो कार्यक्रम कैसे संचालित किया जाए। अंत मे मंत्री जीतू पटवारी ने एक तीर से दो निशाने साधे और चलती कार में से ही अपना संदेश मोबाइल के जरिये रिकार्ड करवाया और उसके बाद उसे इंदौर में सोशल मीडिया के जरिये आयोजक मोनू जैन तक पहुंचाया।
इधर, क्षेत्रीय विधायक और उच्च शिक्षा मंत्री के इंतजार में बैठी हुई महिलाओ को आखिरकार उनका संदेश दिखाया गया जिसमें कार में सवार मंत्री ने उन्हें व आयोजको को उत्साहित करने के लिये ओजस्वी भाषण भी दिया। इसके बाद ही कार्यक्रम शुरू हुआ और विशेष अतिथि डीएवीवी की कुलपति रेणु जैन, अतिथि शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल ने बड़ी संख्या में मौजूद महिलाओ को ड्रायविंग लायसेंस वितरित किये। इधर, आयोजक मोनू जैन की माने तो हाईटेक युग मे उनके प्रिय मंत्री ने आखिर में सबकुछ ठीक कर दिया और कार्यक्रम में उनकी वर्चुअल मौजूदगी ने सभी को उत्साहित कर दिया। दरअसल, युवा राजनीति में नए बदलावों पर विश्वास करने वाले मंत्री जीतू पटवारी ना तो सीएम को नाराज करना चाह रहे थे और ना उनके समर्थकों और क्षेत्र की जनता को। लिहाजा, राजनीतिक गलियारों में इस आयोजन में जीतू पटवारी के डिजिटल कदम की तारीफ की जा रही है याने हुए ना एक तीर से दो निशाने।