Indore News: खेतों में नरवाई जलाने पर लगी रोक, उल्लंघन करने पर होगी जुर्माने की कार्रवाई

फसलों की कटाई के बाद नरवाई जलाने पर रोक लगाने के लिए कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा किसानों को समझाइश दी जा रही है।

Shashank Baranwal
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Indore News: मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में प्रशासन ने फसल कटने के बाद नरवाई को जलाने पर रोक लगा दी है। दरअसल, यह फैसला प्रदूषण के खतरे को देखते हुए लिया गया है। वहीं इसका उल्लंघन करने पर किसानों के खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी।

कलेक्टर ने दिए निर्देश

गेंहूं की कटाई का समय आ गया है। इसके पहले ही इंदौर जिला प्रशासन ने फसल कटाई के बाद नरवाई को जलाने पर रोक लगा दी है। इस संबंध में कलेक्टर आशीष सिंह संबंधित विभाग के अधिकारी को निर्देश भी दे दिया गया है। जिसमें इसको सख्ती से पालन का निर्देश दिया गया है।

किसानों को दी जा रही समझाइश

फसलों की कटाई के बाद नरवाई जलाने पर रोक लगाने के लिए कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा किसानों को समझाइश दी जा रही है। वहीं इस मामले को लेकर कृषि विभाग के उप संचालक शिवम सिंह राजपूत ने जानकारी दी है कि किसानों को नरवाई ना जलाने के लिए बड़े स्तर पर प्रचार प्रसार किया जा रहा है। साथ ही किसानों को पंचायत स्तर तक अधिकारियों द्वारा समझाइश भी दी जा रही है। इसके अलावा किसानों को ये भी बात समझाई जा रही है कि वे नरवाई को जलाने की अपेक्षा रोटावेटर की मदद से भूसा बना लें। जिसको बेचकर अपनी आय में इजाफा कर सकते हैं।

इतना लगेगा जुर्माना

वहीं फैसले का उल्लंघन करने पर जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी। जिसके लिए किसानों को अलग-अलग दर से जुर्माना वसूला जाएगा। इस दौरान जो ज्यादा खेती करता है उसके खिलाफ ज्यादा राशि की जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी।

  • 2 एकड़ भूमि होने पर- 2,500 रुपए
  • 2-5 एकड़ भूमि होने पर- 5,000 रुपए
  • 5 एकड़ से ज्यादा की खेती करने पर- 15,000 रुपए

दरअसल, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की अधिसूचना के मुताबिक फसल काटने पर नरवाई को जलाने पर रोक लगाने के नियम हैं।

 


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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