इंदौर : छात्रों के पक्ष में उतरी कांग्रेस, यूनिवर्सिटी प्रशासन को इसलिए भेंट किया अंगद का पैर।

Amit Sengar
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इंदौर, स्पेशल डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश की आला दर्जे की यूनिवर्सिटी देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में इन दिनों एग्जाम के ऑफ लाइन और ऑनलाइन फार्मेट को लेकर जमकर विवाद खड़ा हो गया। जहां छात्र नेता कोरोना काल में स्टूडेंट्स की सुविधा के लिहाज से एग्जाम को ऑफ लाइन की बजाय ऑनलाइन कराने पर जोर दे रहे तो वही दूसरी ओर मंगलवार से शुरू होने वाली परीक्षाओं के पहले कांग्रेस ने यूनिवर्सिटी में हंगामा खड़ा कर दिया।

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दरअसल, कांग्रेस ऑफलाइन एग्जाम कंडक्ट कराए जाने को लेकर मान रही है कि ये सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन की हटधर्मिता है। सोमवार को इसी के चलते देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के आरएनटी मार्ग स्थित परिसर में कांग्रेस नेताओं ने विश्वविद्यालय की परीक्षा को लेकर हठधर्मिता के खिलाफ जमकर विरोध जताया। कांग्रेस ने प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव और जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट का प्रतीकात्मक मुखौटा पहनकर पहले तो धरना दिया और इसके बाद यूनिवर्सिटी परिसर में प्रवेश द्वार पर नारेबाजी कर विरोध जताया। कांग्रेस के मुताबिक कोरोना की तीसरी लहर पिक पर है ऐसे में स्टूडेंट्स की ऑफलाइन एग्जाम लेना बड़ी रिस्क है ऐसे में प्रदेश के जिम्मेदार मंत्री मौन है। इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने यूनिवर्सिटी प्रशासन को ज्ञापन के साथ ही अंगद का पैर भी भेंट किया जिसके पीछे कांग्रेस का तर्क है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन अंगद के पैर की तरह हठधर्मिता अपनाए हुए है।

इंदौर : छात्रों के पक्ष में उतरी कांग्रेस, यूनिवर्सिटी प्रशासन को इसलिए भेंट किया अंगद का पैर।

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इंदौर शहर कांग्रेस के प्रवक्ता विवेक खंडेलवाल ने बताया कि वर्तमान में हर रोज कोरोना के केस तेजी से बढ़ रहे है और ऐसे में विश्वविद्यालय द्वारा ऑफलाइन तरीके से एग्जाम लेने का कोई तुक नही है न तो किसी स्टूडेंट का बीमा कराया गया ऐसे में यदि कोई कोरोना की चपेट में आता है तो जिम्मेदारी कौन लेगा। वही उन्होंने चेतावनी दी है कि ऑफलाइन एग्जाम के दौरान यदि स्टूडेंट्स कोरोना पॉजिटिव पाए जाते है कांग्रेस यूनिवर्सिटी की ईंट से ईंट बजाकर रख देगी।

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फिलहाल, यूनिवर्सिटी ने एग्जाम कंडक्ट करने की तैयारी पूरी कर ली है लेकिन सवाल ये उठ रहा है कि जब सरकार ने 1 से 12 वीं तक के स्कूल बंद कर दिए है तो ऐसे में ऑनलाइन परीक्षा कराना किसी बड़े खतरे से कम नही है फिलहाल, कांग्रेस के आज के प्रदर्शन के बाद एक और सवाल उठ रहा है कि क्यों शहर कांग्रेस को विरोध का मोर्चा खोलना पड़ा जबकि छात्र राजनीति के लिए उनकी युवा विंग हमेशा तैयार रहती है।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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