नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। उत्तर प्रदेश में चुनावी घमासान तेज हो गया है। इस बीच एक गैंगस्टर को टिकट देकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव (SP President Akhilesh Yadav) बुरी तरह फंस गए हैं, वरिष्ठ वकील एवं सामाजिक कार्यकर्ता अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल (Petition filed in Supreme Court)करते हुए समाजवादी पार्टी की मान्यता रद्द करने की मांग (Demand for cancellation of recognition of Samajwadi Party) की है, याचिका में उन्होंने सपा प्रमुख यानि अखिलेश यादव पर भी कार्यवाही की मांग की है।
समाजवादी पार्टी ने कैराना विधानसभा सीट से गैंगस्टर नाहिद हसन को टिकट देकर मुसीबत मोल ले ली। सपा प्रमुख अखिलेश यादव के इस फैसले के बाद से ही भाजपा सपा के खिलाफ हमलावर है। उप्र भाजपा अपने ट्विटर पर लगातार इसके खिलाफ कैम्पेन चला रही है।
अब इस मामले में एक और नया मोड़ आ गया है। ये मामला और सुप्रीम कोर्ट तक पहुँच गया है। वरिष्ठ वकील एवं सामाजिक कार्यकर्ता अश्विनी उपाध्याय ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की है। अश्विनी उपाध्याय ने अपने ट्विटर हैंडिल पर वीडियो शेयर करते हुए बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में कहा था कि कोई भी पार्टी किसी भी अपराधी को टिकट नहीं देगी और यदि टिकट देती है तो मीडिया में उसका क्रिमिनल रिकॉर्ड पब्लिश कराएगी, 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने फिर यही बात दोहराई और कहा कि यदि कोई पार्टी अपराधी को टिकट देकर ऊके आपराधिक रिकॉर्ड को सार्वजनिक नहीं करती तो चुनाव आयोग उसके मुखिया के खिलाफ अवमानना फ़ाइल करेगी।
उन्होंने आगे कहा कि समाजवादी पार्टी ने कैराना से एक गैंगस्टर को टिकट दे दिया और उसका आपराधिक रिकॉर्ड सार्वजनिक नहीं किया वहीं चुनाव आयोग ने भी कुछ नहीं किया। इसलिए मैंने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है और उसमें मांग की है चुनाव आयोग को निर्देश दिए जाएँ कि समाजवादी पार्टी के खिलाफ अवमानना का केस फ़ाइल करे और समाजवादी पार्टी की मान्यता रद्द करे।
उधर सूचना है कि उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा गैंगस्टर नाहिद हसन को गिरफ्तार कर लेने के सपा ने उसका टिकट काट दिया है उसकी जगह अब पार्टी ने नाहिद की बहन को कैराना से टिकट दिया है हालांकि भाजपा अभी भी इसे लेकर सपा पर हमलावर है।