Indore : मध्यप्रदेश का दिल इंदौर शहर लगातार स्वच्छता में नंबर वन आया है। पिछले दो साल से शहर की छवि लोगों के दिलों में काफी अच्छी बन गई इन सबके पीछे इंदौर नगर निगमायुक्त प्रतिभा पाल का भी हाथ रहा है। उन्होंने अपने कार्यकाल में इंदौर को दो बार स्वच्छता अवॉर्ड दिलवाया है। उनके कार्यकाल से पहले इंदौर की छवि ख़राब थी। नगर निगम की हरकतों की वजह से लोग उनसे परेशान थे।
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इतना ही नहीं बेसहारा बुजुर्गों के लिए भी निगम का रवैया सबसे अलग था। उन्हें डंपर में बिठा कर शहर के बाहर छोड़ दिया जाता था। लेकिन जब से निगमायुक्त पाल ने बागडोर संभाली थी तब से इंदौर सबसे स्वच्छ और मदद के लिए आगे आने वाले शहरों में से एक बना हुआ था। लेकिन अब उनका तबादला कर दिया गया है। कहा जा रहा है कि निगमायुक्त प्रतिभा पाल की मेयर पुष्यमित्र भार्गव और अन्य अधिकारी और जनप्रतिनिधियों के साथ अच्छे से नहीं बन पा रही थी।
इस वजह से उनका ट्रांसफर करवा दिया गया। इतना ही नहीं इस तबादले को बाबरी कांड से भी जोड़ा जा रहा है। क्योंकि उस हादसे में एक साथ 36 लोगों की जान चली गई ऐसे में निगमायुक्त की लापरवाही भी सामने आई थी। हालांकि ऐसा कुछ नहीं है क्योंकि उन्हें अपने कार्यकाल के 3 साल पूरे हो चुके थे। सिर्फ प्रतिभा पाल ही नहीं सरकार ने सभी राज्यों के कलेक्टरों के तबादले भी कर उन्हें नई जिम्मेदारी सौंपी है।
आपको बता दे, इंदौर में प्रतिभा पाल से पहले निगमायुक्त सिर्फ पुरुष को ही बनाया गया था लेकिन जब से वह इंदौर में ट्रांसफर होकर आईं है उन्होंने अपने बेहतर प्रदर्शन से सरकार को ये उम्मीद दी है कि महिला भी अच्छे से अपना कार्यभार संभाल सकती हैं। इस लिए दूसरी बार भी इंदौर निगमायुक्त के लिए महिला आईएएस हर्षिका सिंह को चुना गया और उन्हें नई जिम्मेदारी सौंपी गई। इस पद के लिए पहले से चंद्रमौली शुक्ला, विवेक श्रौत्रिय के नाम की चर्चा सबसे ज्यादा हो रही थी लेकिन ऐसा नहीं किया गया।