इंदौर, स्पेशल डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश के तेजी से बढ़ते शहर इंदौर में यातायात को सुगम बनाने के साथ ही ऑटो रिक्शा चालकों को चार डिजिट का ऐसा कोड जारी किया जा रहा है जो न सिर्फ ऑटो चालकों, यात्रियों और पुलिस चेकिंग के दौरान भी सुलभ रहेगा। बता दें कि इंदौर के कमिश्नर ऑफ पुलिस की मौजूदगी में नवाचार के लिए विशेष प्रयोग किये जा रहे है। मंगलवार को आयोजित हमारा लक्ष्य कार्यक्रम के दौरान शहर के ऑटो चालकों को एपीसी नम्बर प्रदान किया गया।
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दरअसल, इंदौर में यातायात को सुगम, सुरक्षित एवं सुखद बनाने के लिए अब सिटीजन कॉप में दो नए फीचर्स जोड़ने के साथ ही ऑटो के एपीसी नम्बर भी दिए गए। इंदौर कमिश्नर ऑफ पुलिस हरिनारायणचारि मिश्रा के मुताबिक अब नई व्यवस्था के तहत शहर के यातायात जवानों को क्यू आर कोड के जरिये सिटीजन कॉप में जोड़ा जाएगा। जिसके तहत हर जवान और कहा और किस स्थान पर ड्यूटी दे रहा है इस बात का पता आसानी से तकनीक के जरिये लगाया जा सकेगा और जरूरत पड़ने पर उन्हें नजदीकी क्षेत्रों में तुरंत जरूरत के हिसाब से भेजा जा सकेगा। इसके अलावा यातायात विभाग में पदस्थ जवान अपनी उपस्थिति भी तकनीकी के माध्यम से दर्ज करा सकेंगे। वहीं उन्होंने बताया कि सिटीजन कॉप में एक और फीचर यातायात प्रबंधन मित्र फीचर जोड़ा जाएगा जो उन लोगो के लाभदायक होगा। यातयात प्रबंधन में अपना योगदान देना चाहते है लेकिन उन्हें इस बात की उचित जानकारी नही मिल पाती थी कि कहा सम्पर्क किया जाए। लिहाजा, नए फीचर के जरिये वो सिटीजन कॉप में अपनी पूरी जानकारी देकर अपने चुने हुए नियत स्थान पर सेवा दे सकेंगे। वही उत्कृष्ट कार्य करने वालो को पुलिस विभिन्न मंचो पर सम्मानित भी करेगी।
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ऐसा होगा ऑटो एपीसी यूनिक नम्बर सिस्टम
आज से शहर के तमाम वैद्य रिक्शा चालकों को चार डिजिट के एपीसी यूनिक नम्बर बांटे गए है। ये नम्बर स्वयं पुलिस के आला अधिकारियों ने ऑटो पर चस्पा किये है। एपीसी यूनिक नम्बर की सहायता से ऑटो रिक्शा चालकों को ये फायदा होगा उनका वेरिफिकेशन हो जाने से उन पर अलग – अलग चौराहों पर रुकने का दबाव कम हो जाएगा और पेपर चेकिंग से भी वो बहुत हद तक निजात पा सकेंगे। जिससे ऑटो चालकों और उसमें सफर कर रहे यात्रियों का समय बचेगा। इधर, पुलिस भी यूनिक फोर डिजिट नम्बर वाले ऑटो को सड़क पर रियायत देगी।जानकारी के मुताबिक इसमें शर्त ये भी होगी ऑटो चालक को यूनिक नम्बर मिलने के बाद भी यातयात के सभी नियमो का पालन करना होगा। कमिश्नर ऑफ पुलिस इन्दौर के मुताबिक एपीसी यूनिक नम्बर के जरिये सफर करने वाले लोगो को ये सुविधा होगी कि वो आसानी से ऑटो नम्बर याद रख पाएंगे। वही यूनिक नम्बर के जरिये ऑटो चालक की पूरी जानकारी तुरंत मिल जाएगी।
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इधर, इंदौर ऑटो रिक्शा यूनियन के अध्यक्ष राजेश बिड़कर ने बताया कि पिछले यातयात सुधार के लिए एक मीटिंग हुई थी। मीटिंग में यूनियन की दिक्कतें भी यातयात पुलिस ने पूछी थी जिसके बाद सबसे बड़ी दिक्कत बताई गई थी कि एक ऑटो चालक को 40 रुपये की सवारी मिलने के बाद 4 से 5 चौराहों पर रोका जाता था जिससे सवारी और ऑटो चालक का समय बर्बाद होता था। ऐसे में यातयात पुलिस की जब भी कार्रवाई होती थी तो वैध कौन और अवैध कौन सब रगड़ाते थे। ऐसे में यूनियन ने पुलिस से आग्रह किया था कोई यूनिक कोड जारी हो ताकि रिक्शा चालक को चिह्नित किया जा सके। वही सवारी ऑटो नम्बर याद नही रखती थी लेकिन यूनिक कोड से ऑटो चालक की पूरी कुंडली आ जायेगी। ऐसे में बैग गुम गया हो दुर्घटना हो जाये तो यूनिक नम्बर के आधार पर तुरंत ड्राइवर की जानकारी मिल जाएगी और वैध और अवैध की झंझट खत्म हो जाएगी।