Indore News: मुंह बोले पिता ने नाबालिक बच्ची के साथ किया दुष्कर्म, पुलिस ने किया गिरफ्तार

महिला ने पुलिस को बताया कि कुछ साल पहले उसके पिता का निधन हो गया था और उसके बाद मृतक पिता के दोस्त का घर पर आना-जाना था और इसी कारण से मृतक पिता के दोस्त को बच्ची पिता बोलने लगी थी।

Shashank Baranwal
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Indore News: मध्य प्रदेश इंदौर जिले में नाबालिक बच्चियों के साथ दुष्कर्म के मामले रुकने के नाम नहीं ले रहा है। आए दिन कोई न कोई घटना सामने आ रही है।  ऐसा ही एक शुक्रवार को सामने आया है, जोकि रिश्तों को तार-तार करके रख दिया है। आपको बता दें कि एक मुंह बोले हैवान पिता ने नाबालिक बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया है।

ये है पूरा मामला

नाबालिक बच्ची के साथ दुष्कर्म की शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने मुंह बोले पिता को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे कर दिया है। पूरे  मामले में एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया गया कि इंदौर के लसूड़िया थाना क्षेत्र में रहने वाली एक नाबालिक बच्ची अपनी मां के साथ थाने पर आकर शिकायत दर्ज कराई। इस दौरान उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले उसके पिता का निधन हो गया था और उसके बाद मृतक पिता के दोस्त का घर पर आना-जाना था और इसी कारण से मृतक पिता के दोस्त को बच्ची पिता बोलने लगी थी। इसके बाद मुंह बोले पिता ने नाबालिक बच्ची को घर में ही अकेला पाकर दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। आरोपी डरा धमका कर बच्ची के साथ लगातार गलत हरकत करता रहा। वहीं जब पूरे घटनाक्रम की जानकारी नाबालिक बच्ची ने अपनी मां को बताया तो थाने पर पहुंच कर शिकायत दर्ज कराई गई है। वहीं पुलिस ने मुंह बोले पिता को गिरफ्तार कर लिया है और पूरे मामले में जांच पड़ताल शुरू कर दी।

इंदौर से शकील अंसारी की रिपोर्ट


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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