इंदौर।स्पेशल डेस्क रिपोर्ट।
भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश मंत्री श्रेष्ठा जोशी के फेसबुक पोस्ट और ऑडियो वायरल होने के बाद अब मामले में नया मोड़ आ गया है। हालांकि बीजेपी ने भले ही श्रेष्ठा जोशी को पद से हटा दिया है लेकिन सवाल ये उठ रहे है कि क्या श्रेष्ठा जोशी को पार्टी से निष्कासित किया जाएगा क्योंकि बीजेपी महिला मोर्चा की श्रेष्ठा जोशी को एक नोटिस के साथ 7 दिनों में जबाव देने को कहा गया लेकिन अब तक इस जबाव के मामले बीजेपी ने कोई खुलासा नही किया जिसका सीधा मतलब है कि उनके पार्टी से उनके निष्कासन पर सवाल अभी भी बने हुए है।
इधर, इस मामले में उस वक्त नया मोड़ आ गया है जब इंदौर की भाजपा नेत्री के खिलाफ पीड़ित भाजयुमो नेता लखन चौहान ने उज्जैन आईजी को एससी – एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज करने के लिए आवेदन किया है। शिकायती आवेदन में ग्राम धनदडा भल्ला तहसील व जिला उज्जैन निवासी लखन चौहान ने पीड़ा जाहिर कर लिखा है कि वर्तमान में वो भाजपा के मंडल उपाध्यक्ष के पद पर कार्यरत हूं। लखन ने पत्र में बताया कि मैंने फेसबुक पर दलितों के संबंध में एक पोस्ट की थी, जिसे लेकर बीजेपी महिला मोर्चा की नेता श्रेष्ठा जोशी ने मोबाइल पर बात कर अश्लील गालियां दी और जान से मारने की धमकी भी दी और फेसबुक पर कई बातें पोस्ट की।
लखन का आरोप है कि वो दलित समाज से है और जानबूझकर मुझे गालियां देकर अपमानित किया गया है। वही पत्र में श्रेष्ठा जोशी ने साथियों के साथ मेरे घर पर आकर डराया, धमकाया व मारपीट कर मुझ पर दबाव बनाकर मेरे बयान का फर्जी वीडियो बनाकर फेसबुक पर अपलोड कर दिया। लखन ने बताया कि पिछले 8 दिनों से वह छिपकर रह रहा है और मेरा व सम्पूर्ण दलित समाज का अपमान श्रेष्ठा जोशी ने किया है ऐसे में एट्रोसिटी एक्ट के तहत श्रेष्ठा जोशी पर प्रकरण दर्ज किया जाए।
भाजपा मंडल उपाध्यक्ष ने बाकायदा इस मामले को लेकर सबूत के तौर पर कथित अश्लील गालियों की रिकॉर्डिंग की पेन ड्राइव, फेसबुक मैसेज की छायाप्रति और अन्य दस्तावेज पुलिस को सौंपे है। फिलहाल, अनुशासन का हवाला देकर बीजेपी नेत्री को पद से हटा दिया गया और क्या पुलिस यदि एट्रोसिटी एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज करती है तो श्रेष्ठा जोशी का पार्टी से निष्कासन संभव है। फिलहाल, ये सवाल है जिनके जबाव आने वाले दिनों में सामने आ जाएंगे।