इंदौर में नगदी का जखीरा धराया, इटारसी से शहर लाया गए 50 लाख से ज्यादा कैश

Gaurav Sharma
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50 लाख से ज्यादा केश पकड़ाया

इंदौर, आकाश धोलपुरे। MP उपचुनाव 2020 मतदान की तारीख नजदीक है लेकिन उसके पहले ही उपचुनाव के एपिसेंटर सांवेर में एक बड़ा धमाका हो गया है। दरअसल, इंदौर के बाणगंगा थाना क्षेत्र में अरविंदो हॉस्पिटल के पास से करीब 50 लाख 90 हजार रुपये नकद पकड़ाया है, जिसके बाद आशंका जताई जा रही है कि ये रुपए चुनावी चक्कर का मिश्रण है। फिलहाल, ये चुनावी नोट है या नहीं इसका खुलासा नहीं हो पाया है।

मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश के इटारसी में रहने वाले सोना चांदी के कारोबारी मोहन कुमार सोनी और उनके 2 साथी इतनी बड़ी रकम इंदौर लाये थे। लेकिन जब वो सांवेर की तरफ बढ़ रहे थे तब ही अरविंदो अस्पताल के समीप उन्हें एसएसटी की टीम ने चेकिंग दौरान धर लिया। जब टीम ने गहनता से पूछताछ और जांच की तो पता चला कि सराफा कारोबारी मोहन सोनी की कार में 50 लाख 90 हजार रुपए नगद रखे हुए है। लिहाजा, टीम ने रुपए और कार जब्त कर आगे की कार्रवाई के लिए मामला बाणगंगा पुलिस को सौंप दिया है।

इधर, पकड़े गए इटारसी के व्यापारी मोहन सोनी ने बताया कि वो रुपये इंदौर में अलग अलग सराफा कारोबारियों को देने आया था। लेकिन बाजार खुले न होने के कारण उसने उज्जैन में महाकाल दर्शन करने का सोचा और वो इसलिये उज्जैन जा रहा है। मोहन सोनी के मुताबिक वो व्यापारियों को नगद राशि देने आया था, लेकिन जब उससे पूछा गया कि इतनी बड़ी रकम आचार सहिंता के दौरान क्यों लाई गई तो मोहन सोनी ने जो जबाव दिया वो उसे ही सवालों के घेरे में खड़ा करता नजर आया। हालांकि, मोहन सोनी के हाव भाव ये भी समझ आया कि शायद वो नशे में था, जिसके बाद ये सवाल उठना भी लाजिमी है कि फिर क्यों वो उज्जैन महाकाल दर्शन के लिये जा रहा था।

इधर, पुलिस के माने तो कार्रवाई आज सुबह 9 बजे के लगभग की गई और नगदी को जब्त कर मामले की जानकारी आयकर विभाग को दे दी गई है। पुलिस के अनुसार प्रारंभिक तौर पर कोई भी ऐसे तथ्य सामने नहीं आये है कि रुपयों का चुनाव में कोई इस्तेमाल होना था। फिलहाल, पुलिस की तफ्तीश इस बड़े मामले में जारी है। वही आयकर विभाग ने भी इटारसी के कारोबारी से पूछताछ शुरू कर दी है।

 


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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