जन्मदिन पर हवाई फायरिंग पड़ी महंगी, पुलिस ने किया गिरफ्तार

Gaurav Sharma
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इंदौर, डेस्क रिपोर्ट

एक युवक को अपनी लायसेंसी रायफल के जरिये हवा में फायर करना महंगा पड़ गया। दरअसल, घटना इंदौर के द्वारकापूरी थाना क्षेत्र की है। घटना का वीडियो वायरल होने पर पुलिस ने मामले को संज्ञान में लेते हुए फायरिंग करने वाले युवक को गिरफ्तार कर लिया है।

दरअसल, शहर के द्वारकापूरी थाना क्षेत्र के विदुर नगर में 23 अगस्त की रात को सिकंदर नामक युवक ने अपने रिश्तेदार बृजेश और मित्र हेमंत के सामने रायफल निकाली और उसे हवा में लहराकर हवाई फायर कर दिया। वही जन्मदिवस के सेलिब्रेशन के दौरान बकायदा फायरिंग का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड भी कर दिया गया। इसके बाद वायरल वीडियो पुलिस तक जा पहुंचा, लिहाजा, पुलिस ने फायरिंग करने सिकंदर नामक युवक को गिरफ्तार कर लिया।

द्वारकापूरी टीआई धर्मवीर सिंह नागर ने बताया कि पुलिस को मुखबिर से जानकारी मिली थी कि 23 अगस्त की रात 8 बजे जन्मदिन मनाने के दौरान विदुर नगर निवासी सिकन्दर ने रायफल को लोड कर हवाई फायर किया। इसके बाद पुलिस ने सिकंदर के घर पहुंची तो उसने पूछताछ में स्वीकार किया कि उसने अपनी लायसेंसी रायफल से हवा में फायर किया था। जश्न के दौरान एक्टिवा गाड़ी पर केक रखकर काटा जा रहा था और उस वक्त बृजेश और हेमंत मौजूद थे। फायरिंग का वीडियो और फ़ोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इधर, पुलिस ने युवक के पास मौजूद रायफल, लायसेंस, 1 खोखा व 4 जिंदा कारतूस भी जब्त किए है। वही पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर लिया है और अब आरोपी को कोर्ट ले जाया जाएगा।

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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