इंदौर, आकाश धोलपुरे। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की औद्योगिक राजधानी इंदौर (Indore) को आने वाले सोमवार से एक बाद फिर जनता कर्फ्यू (Janta Curfew) के बीच ही रहना होगा। इंदौर में कोरोना संक्रमण की दर भले ही गिरकर 15 प्रतिशत के आस पास बनी हुई है, लेकिन हर रोज आने वाले कोविड पेशेंट की संख्या इंदौर में प्रशासन की चिंता का सबव बनी हुई है। यही वजह है कि इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने कर्फ़्यू 16 मई के बाद भी जारी रहने के संकेत दिए हैं।
इंदौर कलेक्टर (Indore Collector) का कहना है कि फिलहाल इंदौर में हालात में सुधार नजर आ रहा है, बावजूद इसके सतर्कता व सावधानी बरतना जरूरी है। इसके लिए जनता कर्फ़्यू बढ़ाना जरूरी है । कोरोना वायरस का यह स्ट्रेन पिछले वर्ष की तुलना में काफी घातक और खतरनाक है। इसके चलते सावधानी रखना और कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना बेहद जरूरी है।
इंदौर में जनता कर्फ्यू के दौरान केवल दूध विक्रय की इजाजत है। राशन दुकानें सोमवार और गुरुवार को सुबह 7 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक खुली रहती है। मेडिकल दुकानों को 24 घण्टे खुला रखने की इजाजत देने के अलावा प्रशासन ने औद्योगिक इकाइयों को छूट दी है। इधर, सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) भी साफ कर चुके है कि कोरोना को लेकर कोई मई में ढील नहीं है, ऐसे में इंदौर पॉजिटिविटी का मानक स्तर 5 प्रतिशत से कम हो जाने पर प्रशासन फूंक फूंक कर कदम उठा सकता है क्योंकि इंदौर कलेक्टर के बयान से ये बाद बहुत हद साफ भी हो रही है।
गाँव-गाँव में जनता कर्फ्यू, मंत्रियों ने बैरिकेटिंग के बाहर से ही ग्रामीणों से की चर्चा
इंदौर जिले में कोरोना से निपटने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। चाहे शासन हो, प्रशासन हो, जन-प्रतिनिधि हो या ग्रामीण जन सभी अपनी-अपनी तरह से प्रयास कर रहे हैं। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार देखने को मिल रहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों आम-जन कोरोना को परास्त करने के लिए एकजुट होकर जनता कर्फ्यू का सख्ती से पालन करा रहे हैं।इंदौर जिले के प्रभारी तथा जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट और पर्यटन मंत्री सुश्री उषा ठाकुर के महू क्षेत्र के भ्रमण के दौरान ऐसा ही एक उदाहरण आज महू विकासखंड के ग्राम मलेंडी में दिखाई दिया।
यहाँ ग्रामीणजनों ने जनता कर्फ्यू के दौरान आवाजाही को नियंत्रित करने के लिए गाँव की सीमा में स्थानीय संसाधनों से बैरिकेटिंग की व्यवस्था की, यहाँ से बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश पूर्णता प्रतिबंधित किया। यहाँ पहुँचे मंत्री सिलावट तथा सुश्री ठाकुर, कलेक्टर मनीष सिंह ने भी ग्रामीणों की इस व्यवस्था का पालन किया और ग्रामीणों से गाँव के बाहर ही बात की।