डेस्क रिपोर्ट। ना जाने किस वजह से जिस कलेजे के टुकड़े को माता-पिता ने सड़क के किनारे छोड़ दिया था और फिर पलटकर नहीं देखा, अब यह मासूम फ्रांस में खेलेगी कूदेगी, इंदौर के राजकीय बाल संरक्षण में रहने वाली इस अनाथ बालिका को फ्रांस की एक इंजीनियर महिला ने गोद लिया है। मंगलवार को एडाप्शन से जुड़ी प्रक्रिया पूरी होते ही महिला और बालिका दिल्ली के लिए रवाना हो गई। अब वहां वीजा के लिए आवेदन किया जाएगा। सात दिन के भीतर वीजा मिलने के बाद बालिका फ्रांस जाएगी। आश्रम के अधिकारियों के मुताबिक बालिका को अलीराजपुर से लाया गया था। तब बालिका की उम्र तीन साल थी। अब बच्ची पाँच साल की है। मासूम महज तीन साल की थी जब उसे कोई अलीराजपुर में सड़क किनारे छोड़ गया था, बच्ची सिर्फ रोए जा रही थी, राहगीरों की नजर पड़ने पर उसे पहले पुलिस फिर चाइल्डलाइन और फिर उसे अनाथआश्रम में भेजा गया और अब यह मासूम फ्रांस में उड़ान भरेगी।
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तीन महीने रुकने के बाद बालिका की गुमशुदगी का विज्ञापन दिया। ताकि कोई परिवार वाले उसे लेने आए। फिर गोद लेने की प्रक्रिया शुरू की गई। फिर कारा में बालिका का पंजीयन करवाया। फरवरी 2020 में फ्रांस की एक महिला ने बालिका को गोद लेने की इच्छा जताई।
उसके बाद कोर्ट में आवेदन लगाकर गोद देने की प्रक्रिया शुरू की गई। जज ने पहले बालिका से बातचीत की। फिर फ्रांस की महिला से विडियो कॉलिंग पर चर्चा हुई। इस बीच जज ने महिला का बालिका के प्रति लगाव देखा। उसके बाद गोद देने की कोर्ट ने मंजूरी दी। इसके बाद बालिका की पासपार्ट और जन्म प्रमाण पत्र से जुड़े दस्तावेज तैयार किए। पांच साल तक बालिका आश्रम में रही। फ्रांस की महिला के साथ मंगलवार को जब बालिका दस्तावेज तैयार होने के बाद दिल्ली के लिए रवाना हुई तो आश्रम के स्टाफ और अन्य बच्चों की आँखे भर आई।