इंदौर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के ‘अली नहीं बजरंग बली की ज़रूरत है’ बयान से नाराज भाजपा नेताओं ने इस्तीफा देना शुरू कर दिया है। पार्टी के अंदर ही अब इस बयान को लेकर विरोध भी होने लगा है। प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में अल्पसंख्यक मोर्चा के 3 पदाधिकारियों ने इस्तीफा दे दिया है। इन्होंने बंटवारे की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए त्याग पत्र दिया है। यही नहीं भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चे के प्रदेश उपाध्यक्ष नासिर शाह ने भी योगी के बयान की निंदा की और इसे गलत करार दिया।
दरअसल, भाजपा के स्टार प्रचारक और यूपी के मुख्यमंत्री योगी को धर्म की राजनीति और ध्रुवीकरण के लिए एक खेमे में ज्यादा पसंद किया जाता है। उनके बयान सियासत में उबाल पैदा कर देते हैं। प्रदे में योगी ने एक जनसभा में ‘अली नहीं बजरंग बली की ज़रूरत है’ का दिया था। लेकिन उनके बयान की आग अब धधक रही है। पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा में उनके इस बायन को लेकर नाराजगी है। मतदान के बाद अब अल्पसंख्यक मोर्चा के तीन पदाधिकारियों और कई कार्यकर्ताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इंदौर बीजेपी नगर उपाध्यक्ष इरफ़ान मंसूरी, दानिश अंसारी और अमान मेनन ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इनके तमाम समर्थक और कार्यकर्ता भी मुखर हो गए हैं।
बतौर स्टार प्रचारक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मध्य प्रदेश में चुनाव प्रचार के लिए आए थे। उसी दौरान उन्होंने कई सभाओं में कहा था कि कांग्रेस को अली की ज़रूरत है और बीजेपी को बजरंगबली की. बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चे के प्रदेश उपाध्यक्ष नासिर शाह ने कहा कि वाकई इस तरह का बयान अशोभनीय है।